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पलामू में सिंचाई की व्यवस्था नहीं

जनसमस्याओं को लेकर सीपीआइ का पलामू प्रमंडल सेमिनार मेदिनीनगर : पलामू प्रमंडल की ज्वलंत समस्याओं, विस्थापन, भूमि अधिग्रहण, राशन कार्ड बनाने में हुई गड़बड़ी, वृद्धावस्था पेंशन एवं झारखंड की स्थानीयता के मुद्दे को लेकर सीपीआइ चरणबद्ध आंदोलन चला रहा है. इसी कड़ी में बुधवार को बेलवाटिका स्थित गुरु तेग बहादुर मेमोरियल हॉल में पलामू प्रमंडलस्तरीय […]

जनसमस्याओं को लेकर सीपीआइ का पलामू प्रमंडल सेमिनार
मेदिनीनगर : पलामू प्रमंडल की ज्वलंत समस्याओं, विस्थापन, भूमि अधिग्रहण, राशन कार्ड बनाने में हुई गड़बड़ी, वृद्धावस्था पेंशन एवं झारखंड की स्थानीयता के मुद्दे को लेकर सीपीआइ चरणबद्ध आंदोलन चला रहा है.
इसी कड़ी में बुधवार को बेलवाटिका स्थित गुरु तेग बहादुर मेमोरियल हॉल में पलामू प्रमंडलस्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें प्रमंडल के तीनों जिला से सीपीआई के नेता, कार्यकर्ता एवं किसान-मजदूर काफी संख्या में शामिल हुए. मुख्य अतिथि सीपीआइ के केंद्रीय कमेटी सदस्य पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि झारखंड सरकार की उपेक्षा के कारण ही पलामू प्रमंडल की समस्याओं का निदान नहीं हो रहा है.
पलामू प्रमंडल झारखंड का ऐसा प्रमंडल है, जहां के लोग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. मगर सरकार समस्याओं के समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.
पलामू प्रमंडल अकाल-सुखाड़ का घर बन गया है. प्रमंडल के किसान सुखाड़ व अकाल से जूझते हुए किसी तरह जीने को विवश हैं. इस प्रमंडल में सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है.
पुरानी सिंचाई योजनाएं मरम्मत के अभाव में बेकार हो गयी हैं. वहीं कोई भी नयी सिंचाई परियोजना पर काम शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार की स्थानीयता व नियोजन नीति झारखंडवासियों के लिए छलावा है, इससे झारखंड के युवाओं को न्याय नहीं मिलेगा. सरकार को चाहिए कि सर्वदलीय बैठक बुलाकर स्थानीयता के मामले में ठोस निर्णय लें. भूमि अधिग्रहण व विस्थापन नीति भी सही तरीके से लागू नहीं की जा रही है, यही वजह है कि झारखंड में करीब 43 लाख लोग विस्थापित हो गये हैं. सरकार की यही नीति रही, तो विस्थापितों की संख्या में एक करोड़ भी हो सकती है.
भूमि अधिग्रहण विधेयक 2013 के प्रावधान के मुताबिक, बाजार दर का चार गुणा मुआवजा राशि जमीन का मिलना चाहिए. अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत काम हो रहा है. विस्थापित लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था, एक सदस्य को नौकरी व लाभांश का 25 प्रतिशत विस्थापितों के हित में खर्च करने तथा तकनीकी शिक्षण संस्थान खोलने का प्रावधान है.
सरकार इन बिंदुओं पर गंभीरतापूर्वक विचार कर कार्य नहीं करती है, तो वामदल एकजुट होकर चरणबद्ध आंदोलन चलायेंगे. सेमिनार के अध्यक्ष कर रहे राज्य कमेटी सदस्य सूर्यपत सिंह ने कहा कि सरकार आमजनता को धोखा दे रही है. योजना बनाओ अभियान के नाम पर प्रदेश में करोड़ों रुपये की बंदरबांट हुई. अभियान में जो योजनाएं चयन की गयी, उस पर कोई काम नहीं हुआ. बल्कि डोभा निर्माण के जरिये सरकारी राशि की लूट की जा रही है. जनहित से जुड़े इन मुद्दों को लेकर सीपीआइ मुखर होकर आंदोलन करेगा और सरकार को घेरने का काम करेगी.
पलामू जिला सचिव रुचिर तिवारी ने प्रस्ताव पेश किया. सेमिनार में गढ़वा जिला सचिव राजकुमार राम, राजकुमार महतो, नवरंगी पाल, कामेश्वर प्रसाद अकेला, लातेहार से दिनेश कुमार, प्रमोद पांडेय, अनिल कुमार साहु, रंजय कुमार, पलामू से मनाजरूल हक, बद्री सिंह, जीतेंद्र सिंह, बाबूलाल दुबे, भोला सिंह, गोपाल पाठक, सुषमा मुरमा, ललन सिन्हा, भोला राम, रामजन्म राम, जनेश्वर राम, अधिवक्ता प्रभु शर्मा ने विचार व्यक्त किये.

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