अधूरी योजनाएं भी सरकारी रिपोर्ट में पूरी पीएजी ने सिमडेगा जिले में आइएपी की योजनाओं की जांच के बाद सरकार को भेजी रिपोर्टविशेष संवाददाता, रांची उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में इंटिग्रेटेड एक्शन प्लान (आइएपी) के तहत चल रही अधूरी योजनाओं को भी सरकारी दस्तावेज में पूर्ण बताया गया है. प्रधान महालेखाकार (पीएजी) ने सिमडेगा जिले में आइएपी की योजनाओं की जांच के बाद सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है.रिपोर्ट में कहा गया है कि जिले में 18.18 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न प्रकार की योजनाओं को पूरा करने के लिए 100 एकरारनाना किया गया है. इनमें से 16 योजनाओं के नमूने जांच की गयी, जो जांच के दौरान अधूरी पायी गयी. लेकिन प्रगति प्रतिवेदन में इन योजनाओं के पूर्ण होने की बात दर्ज की गयी है. इतना ही नहीं, ठेकेदारों को पूरा भुगतान भी कर दिया गया है. मालूम हो कि केेंद्र सरकार ने उग्रवाद और पिछड़े जिलों को बराबरी पर लाने के लिए आइएपी की शुरुआत की थी. इसके लिए उग्रवाद प्रभावित जिलों को केंद्र की ओर से सीधे धन उपलब्ध कराया जाता है. जिलों को 25-25 करोड़ रुपये की दर से मिलनेवाली इस राशि को खर्च करने और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए उपायुक्त को जिम्मेवार बनाया गया है. जांच में वैसी योजनाएं भी अधूरी पाया गयी, जिसे तीन-चार माह में पूरा करना था.सवाइ लघु सिंचाई योजना का जीर्णोद्धारसवाई लघु सिंचाई योजना को 23.47 लाख रुपये की लागत से पूरा करने के लिए ठेकेदार के साथ एकरारनामा किया गया था. 14 मार्च 2011 को ठेकेदार को कार्यादेश दिया गया. इसके तहत उसे इस काम को जुलाई 2011 में पूरा करना था. जांच के दौरान पाया गया कि ठेकेदार ने एस्टीमेंट के अनुरूप काम नहीं किया है. डिजाइन के अनुसार 154.47 घन मीटर बोल्डर बिछाना था. जांच में बोल्डर बिछाया हुआ नहीं पाया गया. इसी तरह योजना के दूसरे हिस्सों का काम नहीं किया गया था. ठेकेदार ने जिन कार्यों को नहीं किया था, उसकी लागत 77.38 हजार रुपये आंकी गयी. इसके बावजूद सरकारी प्रगति प्रतिवेदन में इस काम को 100 प्रतिशत पूरा बताया गया था. मरारोमे लघु सिंचाई योजना का जीर्णोद्धारठेठइटांगर प्रखंड में मरारोमे लघु सिंचाई योजना को पूरा करने के लिए 49.35 लाख रुपये की लागत से ठेकेदार के साथ एकरारनामा किया गया था. मई 2011 में ठेकेदार को कार्यादेश दिया गया. इसके तहत इस काम को अगस्त 2011 तक पूरा करना था. जांच में इसे भी अपूर्ण पाया गया. लेकिन प्रगति प्रतिवेदन में काम को पूर्ण बताया गया. जांच में पाया गया कि ठेकेदार ने 8100 घन मीटर के बदले 6755 घन मीटर बोल्डर का इस्तेमाल किया था. इस तरह ठेकेदार ने एकरारनामा की शर्तों के मुकाबले 5.90 लाख रुपये मूल्य का बोल्डर इस्तेमाल किया ही नहीं. इस योजना में 12.20 लाख रुपये का काम नहीं किया गया था.
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अधूरी योजनाएं भी सरकारी रिपोर्ट में पूरी
अधूरी योजनाएं भी सरकारी रिपोर्ट में पूरी पीएजी ने सिमडेगा जिले में आइएपी की योजनाओं की जांच के बाद सरकार को भेजी रिपोर्टविशेष संवाददाता, रांची उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में इंटिग्रेटेड एक्शन प्लान (आइएपी) के तहत चल रही अधूरी योजनाओं को भी सरकारी दस्तावेज में पूर्ण बताया गया है. प्रधान महालेखाकार (पीएजी) ने सिमडेगा जिले में […]
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