सिविल सजर्न ने चिकित्सकों के साथ की बैठक
मेदिनीनगर : स्वास्थ्य विभाग का अपना नेटवर्क है. हर 1000-1000 हजार की आबादी पर साहिया हैं. प्रखंडों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र है, इसके बाद भी यह खबर आती है कि झोला छाप डॉक्टरों से लोग इलाज कराते हैं, कई बार सही इलाज नहीं होने के कारण मौत हो जाती है. इस तरह की स्थिति आखिर क्यों? विफलता किसकी है. कहीं न कहीं कमी है, जिसका आकलन करना होगा. सिविल सर्जन डॉ राणा जीतेंद्र सिंह ने मासिक समीक्षा बैठक में यह सवाल उठाया.
प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारियों से कहा कि जो टीम मिली है, उससे काम लें, स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मी क्षेत्र में रहे, अपने कार्यो से ऐसा एहसास करायें कि वे लोग स्वास्थ्य विभाग के हैं, ताकि आमलोग इलाज के लिए उनसे संपर्क करें. झोला छाप डॉक्टरों के संपर्क में ग्रामीण न जाये, ऐसा माहौल बनाना होगा. सिर्फ बहानेबाजी से काम नहीं चलने वाला. बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गयी. बैठक में डीपीएम प्रवीण कुमार सिंह, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ बीएन कुमार, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी एसकेपी यादव सहित कई लोग मौजूद थे.