शुक्रवार को चंदवा में हुई घटना के बाद कड़ी सुरक्षा का दावा, फिर भी शनिवार को पलामू व लोहरदगा में नक्सलियों ने मचाया तांडव
पलामू/लोहरदगा : शुक्रवार को चंदवा में नक्सलियों ने पुलिस वाहन पर हमला कर चार पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी और उनके हथियार लूट लिये थे. इस घटना के बाद पूरे इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिये गये. पुलिस महकमा ने पुख्ता व्यवस्था होने का दावा किया, इसके बावजूद अगले ही दिन शनिवार को नक्सलियों ने दो और बड़ी घटनाओं को अंजाम दे दिया. पलामू में दिनदहाड़े भाजपा नेता सहित दो लोगों की हत्या कर दी और लोहरदगा में जेसीबी फूंक दी.
माओवादियों ने शनिवार को शाम करीब छह बजे पलामू के पीपरा थाना क्षेत्र स्थित बाजार में अंधाधुंध फायरिंग कर पलामू के पीपरा प्रखंड प्रमुख संध्या गुप्ता के पति मोहन गुप्ता व फल व्यवसायी सूरज कुमार सोनी की हत्या कर दी. वहीं हमले में व्यवसायी आकाश कुमार सोनी व राजकुमार सोनी घायल हो गये. उन्हें मेदिनीनगर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
घटना के वक्त मोहन गुप्ता, फल व्यवसायी सूरज कुमार सोनी, आकाश कुमार सोनी व राजकुमार सोनी बाजार में चाय पी रहे थे. बताया जा रहा है कि मोहन गुप्ता का पहले माओवादी संगठन से संबंध था. उन्होंने 2012 में माओवादी संगठन छोड़ा था. 2014 में माओवादियों ने इन पर हमला भी किया था. इसके बाद वे पुलिस के एसपीओ के तौर पर काम कर रहे थे. क्रशर व ट्रांसपोर्टिंग का व्यवसाय भी कर रहे थे. इस बार के चुनाव में एक पार्टी से टिकट लेने के प्रयास में भी थे. घटनास्थल पर माओवादियों का पर्चा मिला है, जिसमें विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है.
पूर्व में मोहन गुप्ता झामुमो में थे. वह झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल होनेवाले थे. लोगों का कहना है कि इस चुनाव में वह भाजपा समर्थित उम्मीदवार के लिए काम कर रहे थे. बताया जाता है कि मोहन गुप्ता माओवादियों की हिटलिस्ट में थे.
इधर, लोहरदगा के किस्को में फूंकी जेसीबी मशीनें
शनिवार को ही लोहरदगा के किस्को थाना क्षेत्र की देवदरिया पंचायत के रानी अंबाटोला के पास सड़क निर्माण में लगी दो जेसीबी मशीनों को माओवादियों के रवींद्र दस्ते ने फूंक दिया. यह वही दस्ता है, जिसने शुक्रवार की रात साढ़े आठ बजे लातेहार के चंदवा के लुकइया गांव में एनएच-75 पर पीसीआर पर हमला कर एक एएसआइ व तीन पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नक्सली करीब 50 की संख्या में आये थे. वे लोग सड़क निर्माण करा रहे ठेकेदार को ढूंढ़ रहे थे. ठेकेदार जब नहीं मिला, तो नक्सलियों ने मजदूरों से काम बंद करने को कहा और वहां खड़ी जेसीबी मशीन से ही डीजल निकालकर उसमें आग लगा दी. आग लगाने के बाद नक्सली काम नहीं करने की धमकी देकर चलते बने.
भयवश मजदूरों ने भी काम करना छोड़ दिया. लोहरदगा एसपी प्रियदर्शी आलोक ने कहा कि इस घटना को माओवादी रवींद्र गंझू के दस्ते ने अंजाम दिया है. बता दें कि लातेहार और लोहरदगा जिले की सीमा पर स्थित खर्चा पुलिस पिकेट के पास से किस्को रिचुघूटा तक लगभग 30 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य 35 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है. इसके ठेकेदार रांची के अशोक प्रधान हैं.