लोहरदगा : पतंजलि योग समिति भारत स्वाभिमान लोहरदगा के बैनर तले कृषि बाजार प्रांगण में शहीद दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में सीआरपीएफ 158 बटालियन के कमांडेंट आशुतोष षांडगी सहित काफी संख्या में जवान शामिल होकर शहीद भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव को श्रद्धाजंलि अर्पित की.
श्रद्धाजंलि सभा में बड़ी संख्या में गणमान्य लोग शामिल हुए. गुरुकुल शांति आश्रम के आचार्य शरत चन्द्र आर्य के नेतृत्व में गुरुकुल के ब्रह्मचारी भी उपस्थित थे. सीआरपीएफ 158 बटालियन कमांडेंट आशुतोष षांडगी ने दीप प्रज्वलित एवं पुष्प अर्पित कर वीर जवानों को श्रद्धाजंलि दी. मौके पर सीआरपीएफ कमांडेनट आशुतोष षाडंगी ने कहा कि हमारा देश वीरों और शहीदों के बलिदान से सींचा हुआ है. देश को हम सभी को साथ मिलकर आगे ले जाने की जिम्मेवारी है.
सामूहिक योगदान से हम देश को समृद्ध बनाकर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं. प्रवीण भारती ने कहा कि भगत सिंह को 24 मार्च 1931 को फांसी की तिथि निर्धारित की गयी थी. परंतु डरी और घबराई हुई अंग्रेज सरकार ने एक दिन पहले ही फांसी दे दी. अमर शहीदों का ये बलिदान देश कभी भूल नहीं सकता. हम उनके हर उस सपने को पूरा करेंगे, इसमें उन्होंने एक स्वस्थ, समृद्ध, ताकतवर, और आध्यात्मिक राष्ट्र की कामना की थी.
शिवशंकर सिंह एवं नवनीत गौड़ ने देशभक्ति गीतों से उपस्थित जनों में राष्ट्रभावना भरी. शिशु मंदिर के प्राचार्य ने शहीदों को नमन करते हुए उनके सपने को पूरा करने हेतु युवाओं का आह्वान किया. शहीद सभा को पतंजलि के अभय भारती, युवा भारत के अंकित अग्रवाल एवं मार्गदर्शक शरत चन्द्र आर्य ने भी संबोधित किया. सभी ने अमर शहीदों के पदचिह्नों पर चलने का संकल्प दिलाया.
मौके पर सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य एस. उपाध्याय, आचार्य सुरेंद्र चंद्र पांडेय, उत्तम मुखर्जी, विजय जायसवाल, तीजन यादव, सीआरपीएफ के एसआइ सुरेश कुमार, कायम सिंह, वेणुगोपाल केजी, एसपी शुक्ला, सहायक संजय कुमार, संतोष राम, महेंद्र साल्वे, नरेंद्र तिवारी, हेड कांस्टेबल सनातन शारु, राजवीर सिंह, रणधीर नाथ, राकेश कुमार, दीपक मलिक, विशाल अजय कुमार, रविंद्र दत्ता, पतंजलि के कोषाध्यक्ष दिनेश प्रजापति, वासुदेव महतो सहित काफी संख्या मे लोग उपस्थित थे. इधर शहीद दिवस के अवसर पर भाकपा, माकपा, एवं माले द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया. मौके पर लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये.
इस अवसर पर महेश कुमार सिंह ने कहा कि भगत सिंह शोषितों के हक हकूक की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी. वे एक क्रांतिकारी ही नहीं, एक सामाजिक सुधार के हिमायती थे. मौके पर अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये. इस अवसर पर अनंत दास, दिलीप वर्मा, बचू नारायण सिंह, मो कैस, बंधन मुंडा भी मौजूद थे.