एकजुटता के साथ अपनी परपंरा को संरक्षित करने की जरूरत है: बंधु तिर्की
एकजुटता के साथ अपनी परपंरा को संरक्षित करने की जरूरत है: बंधु तिर्की
लातेहार ़ जिला मुख्यालय के आदिवासी वासाओड़ा में आदिवासी समन्वय, जिला पड़हा व सरना समिति के तत्वावधान में शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया. कार्यक्रम शुरू करने से पहले दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन के चित्र के समक्ष माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. इसके बाद अतिथियों को पगड़ी पहनकर स्वागत किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि हमें आदिवासी समाज के पिछड़ेपन को एकजुटता के साथ दूर करने का संकल्प लेना होगा. उन्होंने कहा कि सभी आदिवासी समाज के लोगों को एकजुटता से मिल कर रहने और अपनी परंपरा को संरक्षित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शिक्षा काबिलियत और अपनी प्रतिभा से आज के नौजवान ऊंचाई तक पहुंच कर आदिवासी समाज का उत्थान कर सकते हैं. शिक्षा समाज को एक सभ्य सभ्यता की ओर ले जाने का माध्यम है. इसके लिए नौजवानों को इमानदारी बरतने की आवश्यकता है. जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने कहा कि आदिवासियों का प्रकृति से काफी लगाव रहा है और इनके द्वारा ही प्रकृति की रक्षा करने का कार्य किया जाता रहा है. उन्होंने कहा कि प्रकृति को संरक्षित करने वाला आदिवासी समाज पिछड़ रहा है तो इसके कारणों की समीक्षा होनी चाहिए. समन्वय समिति के अध्यक्ष सेलेस्टीन कुजूर ने कहा कि राज्य सरकार ने आदिवासियों के लिए कई योजनाएं चला रखी है. उन्होंने आदिवासी समाज को संगठित होकर शिक्षित होने की बात कही. अधिवक्ता बिरसा मुंडा ने कहा कि आदिवासी समाज के लिए आज विस्थापन सबसे बड़ी समस्या बन गयी है. इसके पूर्व शहर माको मोड़ से मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने जुलूस का शुभारंभ किया. इसके बाद मेन रोड होते हुए जुलूस वासाओड़ा पहुंची. मौके पर जानकी सिंह, नंदकिशोर सिंह, आर्सेन तिर्की, रिंकू कच्छप, शुकू उरांव, अनीता देवी, सुरेंद्र उरांव, मोती उरांव, तुलेश्वर उरांव, रंथु उरांव, संजय उरांव, अमरेश उरांव, प्रवेश उरांव, अरुण सिंह, हरिशंकर यादव, अमित यादव, सुनील प्रसाद, राजेंद्र सिंह, मुनेश्वर उरांव, कमलेश उरांव, रविंद्र उरांव, संतोष उरांव, रवि भगत समेत कई लोग उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
