28.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Jharkhand News : झारखंड के जंगल में बीमार हाथी ने तोड़ा दम, काट ले गए दोनों दांत, देखता रह गया वन विभाग

Jharkhand News : झारखंड के लातेहार जिले के बारियातू प्रखंड अंतर्गत साल्वे पंचायत के रेंची ग्राम स्थित अमाटोंगरी व ढोठीमांडर जंगल में पिछले करीब एक माह से बीमार हाथी की शनिवार की रात मौत हो गई. उसके दोनों दांत काट लिए गए हैं. ग्रामीणों की मानें, तो इलाज होने से हाथी की जान बच सकती थी.

हाथी की छाती में चोट के निशान

मेडिकल टीम ने मृत हाथी के शरीर के अलग-अलग हिस्से से बिसरा एकत्रित किया. इसके बाद जेसीबी मशीन की मदद से गड्ढा कर मृत हाथी को घटना स्थल के समीप ही दफन कर दिया गया. पोस्मार्टम के संबंध में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची के डॉक्टर एसएस कुल्लू ने बताया कि मृत हाथी की छाती में चोट का निशान पाया गया है, जबकि बाहर चोट का कोई निशान नहीं था. पोस्टमार्टम के दौरान लिए गए सभी आंतरिक अंगों को जांच के लिए रांची, आईभीआई बरेली व देहरादून भेजा जाएगा. हाथी के पीछे के दाहिने पांव से बायां पांव लगभग दो से तीन इंच छोटा था. उन्होंने बताया कि मृत हाथी के शरीर से दोनों दांत किसी अज्ञात द्वारा हेक्साब्लेड से काट लिया गया है. हाथी की मौत करीब 36 घंटा पहले हुई थी, जिस कारण काफी दुर्गंध आ रहा था.

Also Read: Jharkhand Breaking News LIVE : सरायकेला में सर्पदंश से एक महिला की मौत, एमजीएम में चल रहा था इलाज

इलाज होता तो बच सकती थी हाथी की जान

डीएफओ रौशन कुमार व राज्य के हाथी विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार 18 जुलाई से बीमार हाथी का ड्रोन कैमरा से लोकेशन लेकर इलाज कर रहे थे. इलाज के दौरान डॉ अजय कुमार ने बताया था कि हाथी के पीछे के बांया पैर के घुटने में आंशिक चोट है. जिसके कारण काफी दर्द है. उसे लगातार कटहल, खिचड़ी, केला के पत्ते में दवा मिलाकर दिया जा रहा है. जिससे कुछ सुधार देखा जा रहा है. पहली रिपोर्ट के अनुसार हाथी एक किमी की दूरी में भ्रमण कर रहा था. दूसरी रिपोर्ट में बताया कि हाथी चार किमी तक चल रहा है. इसके पांव में पूरी तरह सुधार होने के बाद उसे झुंड में छोड़ दिया जाएगा.

Also Read: हावड़ा कोर्ट : झारखंड कांग्रेस के 3 MLA समेत 5 आरोपी 10 दिनों की पुलिस हिरासत में, CID को जांच का जिम्मा

वन विभाग की लापरवाही से मौत का आरोप

डीएफओ रौशन कुमार ने बताया था कि हाथी का समुचित इलाज के लिए बीते 15 दिनों से वन कर्मी व ग्रामीण लगे हैं. इधर, स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि अगर हाथी की समुचित देखभाल की जाती तो हाथी की जान बच सकती थी. विभाग द्वारा इलाज एवं उसकी देखरेख का दावा किया जा रहा था, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. अगर विभाग की नजर हाथी पर रहती तो इसकी मौत के 36 घंटे बाद विभाग को मौत की जानकारी नहीं मिलती. ना ही कोई इसका दांत काटकर ले जाता.

Also Read: Jharkhand News : झारखंड में सुखाड़ से निबटने के लिए वैकल्पिक खेती पर जोर, कृषि विभाग का ये है एक्शन प्लान

क्या कहते हैं डीएफओ

हाथी की मौत को लेकर डीएफओ श्री कुमार ने कहा कि हाथी की मौत कैसे हुई है, इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगी. हाथी का दांत किसके द्वारा काटा गया है, यह गंभीर मामला है. उसकी खोजबीन स्थानीय पुलिस की मदद से की जा रही है. मौके पर भ्रमणशील चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शिवा नन्द कांशी, बिरसा जैविक उद्यान के डॉ उपकार साहु, देहरादून के डा विजय शंकर दूबे, डॉक्टर राकेश जोजो व टेक्निकल स्टाप के अलावे विभाग के कई कर्मी के साथ एकीकृत प्रखंड के वन समिति अध्यक्ष राजेन्द्र गंझु, पंचायत अध्यक्ष भुनेश्वर यादव, मुखिया राजीव भगत, समाजसेवी देवलास उरांव, नन्दु उरांव, मो क्यूम अंसारी, रामविलास यादव, नरेश गंझू, प्रदिप गंझू, कैलू भईया, दशरथ गंझू सहित काफी ग्रामीण मौजूद थे.

रिपोर्ट : सुमित, चंदवा, लातेहार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें