एनएच पर माओवादियों का विस्फोट
– सुनील कुमार –
लातेहार : नक्सलियों द्वारा एनएच-75 पर किये गये विस्फोट ने सरयू एक्शन प्लान व नक्सल उन्मूलन अभियान का पोल खोल कर रख दी है. नक्सल उन्मूलन के नाम पर पिछले दो वर्ष में करोड़ों रुपये खर्च किये गये. सीआरपीएफ की करीब 40 कंपनियां यहां तैनात हैं, बावजूद नक्सली गतिविधि थमने का नाम नहीं ले रही है.
पुलिस चाहे कटिया जंगल अभियान को सफल घोषित कर ले या फिर कुमंडीह अभियान को, जनता को कहीं भी परिणाम नहीं दिखायी पड़ता है. कटिया अभियान में डीजीपी राजीव कुमार ने तीन पहाड़ियों को चढ़ कर रात में भी पहाड़ी पर डेरा डाला था. पुलिस का दर्जनों माओवादियों के मारे जाने एवं घेरे जाने का दावा खोखला साबित हुआ था. माओवादी बेखौफ जिले भर में गत दो दिसंबर से शहीद सप्ताह मना रहे हैं.
इधर पीएलएफआइ के साथ उनके गंठबंधन की बात फैलायी जा रही है, तो उधर माओवादी इसे पुलिसिया स्टंट साबित कर रहे हैं. जिले के सरयु, पतकी, कोने, मटलौंग, गारु, धारंगटोला, बेतला, कुजरुम, लाभर, महुआडांड़, नेतरहाट जैसे पर्यटक स्थल पर सीआरपीएफ की टुकड़ियां तैनात है. इन जगहों पर सैलानियों का दल दिसंबर-जनवरी माह में डेरा डाल कर प्रकृति का आनंद उठाता था.
जंगलों में कांबिंग के नाम पर ऐसे स्थानों पर गश्ती की जाती है, जहां नक्सली कभी ठहरते ही नहीं है. जंगलों में रहने वालों को सहज ढंग से रहने में भी परेशानी हो रही है और नतीजा भी शून्य है. केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे एवं ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के दौरा हुए महीनों बीत गये लेकिन सरयू एक्शन प्लान एवं नक्सली उन्मूलन का कोई दृश्य धरातल पर नहीं उतर सका है. मनिका थाना क्षेत्र के हुरहुरी में एनएच-75 पर पहले कांड में डीएसपी का वाहन उड़ाने का प्रयास किया गया, जबकि दूसरी बार तीन सीरियल बम विस्फोट किया गया.
घटनास्थल से महज तीन-चार किलोमीटर पर तीन सीआरपीएफ की कंपनियों का कैंप तथा मनिका थाना है.