लातेहार : लातेहार पुलिस ने दबाव बना कर भुक्तभोगी को रुपये वापस कराये. आरोप है कि लातेहार व्यवहार न्यायालय में कार्यरत एक न्यायिक पदाधिकारी के हाउस गार्ड नंदलाल उरांव (पिता जटू उरांव, ग्राम बनहरदी) के भाई कुंजलाल उरांव से मसजिद रोड निवासी अजीत कुमार सिंह नामक एक व्यक्ति ने पोस्ट ऑफिस में नौकरी दिलाने के नाम पर एक लाख 45 हजार रुपये लिये थे. दो वर्ष गुजर गये, पर कुंजलाल को नौकरी नहीं मिली.
उसने स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी दी. पुलिस के दबाव में आरोपी ने कुंजलाल को तत्काल उसके पैसे वापस कर दिये. लातेहार व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता राणा मधुसूदन प्रसाद सिंह ने भी कहा है कि अजीत कुमार सिंह ने उनकी पुत्री को मध्यमा में सम्मिलित कराने के लिए 2008 में पैसे लिये थे, लेकिन पांच वर्ष बाद भी उनकी पुत्री को प्रमाण पत्र नहीं दिया.
महुआडांड़ के रामपुर निवासी गहनू मुंडा ने कहा है कि अजीत कुमार सिंह ने स्वयं को संस्कृत विद्यालय का प्रधानाध्यापक बता कर मध्यमा पास कराने के लिए 2009 में उनसे रुपये लिये.
ऐसा कोई काम नहीं करता : अजीत : अजीत कुमार सिंह ने स्वयं को संस्कृत विद्यालय का प्रधानाध्यापक बताया है.
उन्होंने कहा है कि वे छात्रों को मध्यमा की परीक्षा में अपने स्कूल से सम्मिलित कराते हैं और जैक द्वारा निर्धारित शुल्क लेकर रसीद देते हैं. नौकरी दिलाने संबंधी कोई काम नहीं करते हैं.
मामला आयेगा, तो प्राथमिकी दर्ज की जायेगी : थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार राम ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि चूंकि मामला थाना में पहुंचने से पूर्व ही अजीत कुमार सिंह ने पैसे वापस कर दिये थे. इसी वजह से प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है. यदि अब ऐसा कोई भी मामला आता है, तो उस व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.