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Jharkhand Crime News : चंदवारा के ऑनर किलिंग मामले में 4 दोषियों को फांसी की सजा, जानें कैसे की थी बेटी की हत्या

Jharkhand News (कोडरमा) : कोडरमा के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम रामाशंकर सिंह की कोर्ट ने गुरुवार को हत्या (ऑनर किलिंग) और साक्ष्य छुपाने के एक मामले में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनायी है. फांसी की सजा पाये चारों दोषी एक ही परिवार के हैं. कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते फैसला सुनाया. इन दोषियों में मृतक युवती के पिता एवं चंदवारा निवासी किशुन साव, माता दुलारी देवी, चाचा सियाराम साव और चाची पार्वती देवी को सजा मुकर्रर की है. यह मामला चंदवारा थाना कांड संख्या 22/18 दिनांक 25 मार्च 2018 का है.

Jharkhand News (कोडरमा) : कोडरमा के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम रामाशंकर सिंह की कोर्ट ने गुरुवार को हत्या (ऑनर किलिंग) और साक्ष्य छुपाने के एक मामले में चार दोषियों को फांसी की सजा सुनायी है. फांसी की सजा पाये चारों दोषी एक ही परिवार के हैं. कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते फैसला सुनाया. इन दोषियों में मृतक युवती के पिता एवं चंदवारा निवासी किशुन साव, माता दुलारी देवी, चाचा सियाराम साव और चाची पार्वती देवी को सजा मुकर्रर की है. यह मामला चंदवारा थाना कांड संख्या 22/18 दिनांक 25 मार्च 2018 का है.

क्या है मामला

लोक अभियोजक दिनेश चंद्रा ने बताया कि चंदवारा की 20 वर्षीय सोनी कुमारी दूसरे जाति के युवक प्रदीप शर्मा के साथ प्रेम करती थी. विवाह करने को लेकर दोनों राजस्थान फरार हो गये. वहां शादी भी रचा ली. हालांकि, लड़की के पिता किशुन साव ने दोनों को बुलाया और समझाने का प्रयास किया. लेकिन, युवती नहीं मानी तो माता-पिता और चाचा-चाची नाराज हो गये और हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया था.

उन्होंने बताया कि अभियुक्त दुलारी देवी और पार्वती देवी ने युवती का हाथों को पकड़ा था, जबकि चाचा ने पैरों को और उसके पिता ने गला दबाकर युवती की हत्या कर दी थी. पुलिस को घटना की जानकारी नहीं मिले इसके लिए शव को खाट पर लिटा कर श्मशान घाट ले गये थे. शव को चिता पर लिटाने वाले थे. इसी दौरान किसी ने पुलिस को पूरी जानकारी दी थी. तत्कालीन थाना प्रभारी सोनी प्रताप ने शव को कब्जे में लेकर घटनास्थल से टांगी और किरासन तेल से भरे डब्बे को बरामद किया था.

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पुलिस ने अनुसंधान शुरू करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. चारों के खिलाफ धारा 302, 201, 120बी, 34 के तहत न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया गया. इसके बाद इस मामले को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट में ट्रांसफर किया गया. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से 16 गवाहों का प्रतिपरीक्षण कराया गया, जिसमें मृतक की बड़ी बहन ने भी गवाही दी.

गवाहों के परीक्षण के बाद दोनों पक्षों का बहस सुनने के बाद गत 15 मार्च, 2021 को कोर्ट ने चारों आरोपियों को दोषी पाया और सजा के बिंदू पर 25 मार्च, 2021 को सुनवाई निर्धारित की. सुनवाई के दौरान उपरोक्त चारों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनायी गयी. अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक दिनेश चंद्रा एवं बचाव पक्ष से अधिवक्ता वासिफ बख्तावर खान थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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