Jharkhand Panchayat Chunav 2022: गुमला जिला अंतर्गत बसिया और सिसई प्रखंड की लाइफ लाइन सड़क आज भी अधूरी है. 10 साल में 37 किलोमीटर में मात्र 20 किलोमीटर ही सड़क बनी है. वह भी जैसे-तैसे काम हुआ है. अभी भी 17 किलोमीटर सड़क अधूरी है. 17 किलोमीटर सड़क के अलावा 12 हाइलेबल पुल एवं छह कलभर्ट भी अधूरा है.
सड़क नहीं बनने से 50 हजार की आबादी प्रभावित
यह सड़क बसिया और सिसई प्रखंड के करीब 50 हजार आबादी के लिए लाइफ लाइन है, लेकिन प्रशासनिक अदूरदर्शिता, स्थानीय नेताओं द्वारा अभिरुचि नहीं लेने एवं ठेकेदार की लापरवाही से सड़क का काम अभी तक अधूरी है. इस सड़क के नहीं बनने से जहां लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. वहीं, सड़क पर डस्ट बिछाकर छोड़ देने से उड़ते धूलकण से लोग बीमार हो रहे हैं. कई बार लोगों ने सड़क बनाने की मांग की, लेकिन किसी ने सड़क को पूरा कराने में दिलचस्पी नहीं दिखायी. जिसका नतीजा है, अब लोगों का गुस्सा फूटने लगा है. इस बार के पंचायत चुनाव में यह सड़क भी जनता के लिए प्रमुख मुद्दा है. वहीं, उम्मीदवार भी सड़क बनवाने के वादे के साथ चुनाव मैदान में उतरने की योजना बनाएं हैं.
सड़क का अब तक का सफर
- 37 में 31 कलभर्ट पूर्ण हो गया है. छह कलभर्ट पर काम शुरू नहीं हुआ है
- सिसई से बसिया तक 12 हाईलेबल पुल बनना है. सभी पुल अधूरा बना है
- करीब 19 किमी सड़क पर जगह-जगह बोल्डर बिछा है, डस्ट गिरा हुआ है
- सिसई से नगर तक बनी सड़क जगह-जगह टूट रही है. गडढा हो गया है
- बसिया से कुम्हारी तक करीब 12 किमी सड़क बनी है, जो चलने लायक है
सड़क अधूरी रहने से हो रही परेशानी
- बोल्डर पत्थर के कारण हर रोज हो रहे हादसे. बाइक सवार परेशान हैं
- सड़क पर गिरे डस्ट से उड़ते धूल कण से लोग परेशान, हो रहे बीमार
- रात के अंधेरे में लोगों का सड़क पर सफर करना खतरनाक हो गया है
- पुलिस भी संभल कर सफर करती है. सड़क पर गडढा डर का कारण है
- इस रूट में जो खेत है. वहां के फसल भी धूल-कण से बरबाद हो रहे हैं.
दो बार हुआ सड़क का शिलान्यास
- बसिया से सिसई प्रखंड तक 37.50 किमी लंबी सड़क बनानी है
- 2012 में पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने ऑनलाइन शिलान्यास किये थे
- वर्ष 2012 में 37.50 किमी सड़क की लागत 45 करोड़ रुपये थी
- 2015 में दोबारा स्पीकर व सांसद ने सड़क का शिलान्यास किये थे
- नये शिलान्यास में दो करोड़ लागत बढ़ गयी और 47 करोड़ हो गयी
अधूरी सड़क से उड़ते धूलकण बना जानलेवा
इस संबंध ग्रामीण ज्योति लकड़ा ने कही कि छोटी-बड़ी लगभग 200 गाड़ी रोजाना इस सड़क से गुजरती है. सैकड़ों बच्चे साइकिल, बाइक एवं ऑटो आदि से स्कूल-कॉलेज आते हैं. बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिला आदि को भी इसी रोड से गुजर कर मुख्यालय लाना पड़ता है. ऊपर से सड़क से उड़ते धूलकण ग्रामीणों के लिए जानलेवा बनते जा रहा है.
Posted By: Samir Ranjan.