मनोज लाल, रांची: पथ निर्माण विभाग राजधानी रांची के लिए आउटर रिंग रोड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. रिंग रोड कहां से कहां तक निकाला जाये, इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है. फिलहाल, एनएच-33 यानी रांची-रामगढ़ रोड को एनएच-75 रांची-कुड़ू रोड से जोड़ने के लिए एलाइनमेंट तैयार कराया जा रहा है. जल्द ही इसका एलाइनमेंट तय हो जायेगा. पूरा रिंग रोड छह लेन का होगा. विचार किया जा रहा है कि मौजूदा रिंग रोड से 8-10 किमी आगे से आउटर रिंग रोड निकाला जायेगा.
यानी एनएच-33 पर ओरमांझी प्रखंड कार्यालय के आसपास से इसे निकाला जायेगा, जो रांची-कुड़ू मार्ग पर ब्रांबे में जाकर मिलेगा. फिर यहां से एनएच-23 रांची-गुमला मार्ग पर निकाला जायेगा. यहां पर भी मौजूदा रिंग रोड से 8-10 किमी आगे जाकर रिंग रोड में मिलेगा. पहले चरण में करीब 48 किमी लंबा आउटर रिंग रोड बनेगा. पूरा रिंग रोड 160 से 180 किमी के बीच होगा. एलाइनमेंट पूरी तरह तय होने पर ही वास्तविक लंबाई स्पष्ट हो सकेगी.
यह प्रयास किया जा रहा है कि जल्द ही योजना का डीपीआर तय कर आगे की प्रक्रिया की जाये. इसके लिए पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार ने तेजी से काम करने का निर्देश दिया है. इंजीनियरों का कहना है कि स्वीकृति मिल जाने के बाद पहले चरण पर ढाई से तीन साल में काम पूरा हो जायेगा. ऐसे में इस पर तेजी से काम किया जा रहा है.
केंद्र से मांगा जायेगा सहयोग
चूंकि आउटर रिंग रोड के निर्माण में बहुत अधिक राशि खर्च होगी. ऐसे में इसके प्रबंध पर बातें हो रही हैं. यह विचार किया जा रहा है कि किस मद से राशि की व्यवस्था की जायेगी. भारत सरकार से भी सहयोग मांगा जायेगा. भारत सरकार के समक्ष यह बात रखी जायेगी कि एक नेशनल हाइवे को दूसरे नेशनल हाइवे से जोड़ने की योजना है.
नेशनल हाइवे पर देश के अलग-अलग राज्यों से आनेवाले भारी वाहनों का परिचालन होता है. ऐसे में सारे भारी वाहन बाहर ही बाहर एक नेशनल हाइवे से दूसरे नेशनल हाइवे पर निकल जायेंगे. ऐसे में केंद्र सरकार इस योजना को टेकअप करके काम कराये.
गाड़ियां बाहर ही बाहर निकल जायेंगी
आउटर रिंग रोड बनने से गाड़ियां बाहर ही बाहर निकल जायेंगी. शहर के अंदर या मौजूदा रिंग रोड पर गाड़ियों को आने की जरूरत नहीं होगी. इससे जाम से मुक्ति मिलेगी. अभी रिंग रोड के बाहर और अंदर दोनों ओर आबादी बस रही है.