फोटो: 16 जाम 03 तालाब में उगा झाड़. संवाददाता, जामताड़ाजिला मत्स्य विभाग का साहना तालाब वर्षों से जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है. लेकिन सरकार इस दिशा मंे कोई पहल नहीं कर रही है. 10 एकड़ के विशाल क्षेत्र मंे फैले इस तालाब का जीर्णोद्धार होने से जामताड़ा जिले में आंध्रा से मछली मंगाने की आवश्यकता नहीं पडे़गी. इलाके में मछली की मांग काफी है आंध्रा से जामताड़ा मछली पहुंचने की प्रक्रिया मंे करीब एक सप्ताह का समय लग जाता है. यदि सरकार ध्यान दें तो जिले के तालाबों से लोगों को ताजा मछली मिल सकेगा.जामताड़ा शहर अंतर्गत साहना मुहल्ला में जिला मत्स्य विभाग का वर्षों पुराना तालाब है. तालाब की साफ-सफाई लंबे समय से नहीं हुई है. झाड़-जंगल से तालाब पट गया है. तालाब के चारों ओर बाउंडरीवाल नहीं है. यहां एक संचयन तालाब, दस नर्सरी एवं पंाच रियरिंग तालाब है. जिसकी सफाई, घेराबंदी, जीर्णोद्धार की अति आवश्यकता है. मात्र सरकार साहना तालाब से 50 क्विंटल मछली उपलब्ध होगा. विभाग को भी करीब एक लाख रुपये सालाना राजस्व की बढ़ोतरी होगी. क्या कहते हैं अधिकारी : मत्स्य प्रसार पर्यवेक्षक बैरिस्टर राम ने बताया कि तालाब के जीर्णोद्धार के लिये सरकार को पत्र लिखा गया है. तालाब से 50 क्विंटल मछली उपलब्ध कराया जा सकेगा.
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ओके….साहना तालाब का नहीं हुआ जीर्णोद्धार
फोटो: 16 जाम 03 तालाब में उगा झाड़. संवाददाता, जामताड़ाजिला मत्स्य विभाग का साहना तालाब वर्षों से जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है. लेकिन सरकार इस दिशा मंे कोई पहल नहीं कर रही है. 10 एकड़ के विशाल क्षेत्र मंे फैले इस तालाब का जीर्णोद्धार होने से जामताड़ा जिले में आंध्रा से मछली मंगाने की […]
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