Jharkhand Municipal Election 2022: दो से ज्यादा बच्चे, तो नहीं लड़ पाएंगे निकाय चुनाव, पढ़ें गाइडलाइन

झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगर निकाय चुनाव का रोस्टर होने के साथ ही सरगर्मी तेज हो गयी है. इस चुनाव में दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने पर रोक लगायी गयी है. वहीं, प्रत्याशी को नगरपालिका के सभी बकाया का भुगतान करना अनिवार्य होगा.

By Samir Ranjan | November 23, 2022 4:37 PM

Jharkhand Municipal Election 2022: झारखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के निर्वाचन पदाधिकारी सह डीसी को प्रत्याशियों की अयोग्यता के संबंध में तय प्रावधानों की जानकारी दी है. इसके तहत बताया गया कि दो से अधिक संतान वाले व्यक्ति नगरपालिका के किसी पदाधिकारी का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होगा.

वर्ष 2022-23 के लिए लागू प्रावधान

वर्ष 2022-23 के लिए लागू प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा गया है कि अगर प्रत्याशी के दो से अधिक जीवित संतान है, लेकिन यह है कि इस अधिनियम के प्रवृत्त होने के एक साल की अवधि की समाप्ति तक या अगर किसी व्यक्ति को दो से अधिक संतान है, तो वह अयोग्य नहीं होगा. पत्र में कहा गया है कि पार्षदों के निर्वाचन/अयोग्यता/वापसी संबंधित इस अधिनियम और इसके अधीन बनाए गये नियमों के उपबंध आवश्यक परिवर्तन सहित महापौर तथा अध्यक्ष के निर्वाचन/अयोग्यता/वापसी के संबंध में लागू होंगे.

प्रत्याशी को नगरपालिका के सभी बकाया का करना होगा भुगतान

पत्र में नगरपालिका निर्वाचन 2020 के संदर्भ में धारा 18 (1)(ठ) के प्रावधानों के संबंध में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति जो नगरपालिका के निर्वाचन में अभ्यर्थी के रूप में लड़ना चाहता है, तो उसे वित्तीय वर्ष 2021-22 तक नगरपालिका के बकाया सभी करों का भुगतान करना आवश्यक है. इसमें नगरपालिका के सभी प्रकार के शुल्क, कर तथा किराया शामिल है.

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अधिनियम के तहत दो से अधिक बच्चों वाले लोग नहीं होंगे अयोग्य

धारा 18 (1)(ढ़) के संबंध में स्पष्ट किया गया है कि झारखंड राज्य नगरपालिका अधिनियम 2011, दिनांक- नौ फरवरी, 2012 की तारीख से प्रवृत्त है. इस आधार के उपबंधों के अनुसार, दो से अधिक संतान वाला व्यक्ति भी नगरपालिका के किसी पदाधिकारी का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होगा. लेकिन, अगर उसके दो से अधिक संतान नौ फरवरी, 2013 तक या उससे पूर्व थे और बाद में उसमें कोई वृद्धि नहीं हुई, तो वह अयोग्य नहीं होगा.यहां बता दें कि संतानों की संख्या में गोद लिए गये संतान एवं जुड़वा संतान को भी सम्मिलित किया गया है.

संतान को लेकर अभ्यर्थी को करना होगा खुद घोषणा

इस संबंध में सभी अभ्यर्थी को खुद घोषणा करना होगा और उसे अपने नाम निर्देशन पत्र के साथ लगाना होगा. इसके बावजूद अगर कोई अभ्यर्थी अपने नाम निर्देशन पत्र के साथ स्व घोषणा पत्र संलग्न नहीं करता है, तो निर्वाची पदाधिकारी द्वारा अपेक्षित स्व घोषणा पत्र पेश करने के लिए अभ्यर्थी को तत्काल एक पत्र निर्गत किया जाएगा. वहीं, निर्धारित समय और तारीख पर पत्र प्राप्त नहीं होता या बाद में प्राप्त होता है, तो अभ्यर्थी का नाम निर्देशन पत्र अवैध माना जाएगा.

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