वादा था तीन दिनों में भुगतान का, पर महीनों बाद भी किसानों को नहीं मिली पहली किस्त की राशि

पूर्वी सिंहभूम जिले में किसानों से धान खरीद तो कर ली, लेकिन एक माह बाद भी पैसाें का भुगतान नहीं किया गया. पहली किस्त की राशि में से 1.55 करोड़ रुपये का भुगतान एक माह बाद भी नहीं किया गया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 3, 2023 10:07 AM

Jamshedpur News: पूर्वी सिंहभूम जिले में किसानों से धान खरीद तो कर ली, लेकिन एक माह बाद भी पैसाें का भुगतान नहीं किया गया. जिले में 25 दिसंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक निबंधित 6988 किसानों से 5.75 लाख क्विंटल धान की खरीद की गयी. जिला का लक्ष्य 5.50 लाख क्विटंल धान खरीद ही था. पहली किस्त की राशि में से 1.55 करोड़ रुपये का भुगतान एक माह बाद भी नहीं किया गया है. कुल मिलाकर 50 फीसदी पहली किस्त की राशि का अब तक पूरा भुगतान नहीं हुआ है, जबकि शेष 50 फीसदी दूसरी किस्त के भुगतान में देरी की आशंका बन गयी है.

तीन दिनों में भुगतान का नियम व दावा

लैंपस स्तर पर धान की खरीद के तीन दिन (72 घंटे) में 50 फीसदी राशि का भुगतान किसान के बैंक खाता में करने का दावा किया गया था. 5.50 लाख क्विंटल धान की खरीद के लिए सरकार ने प्रथम किस्त ( 50 फीसदी राशि ) 58.75 करोड़ का आवंटन दिया. इसमें 57.20 करोड़ का भुगतान किसानों को किया गया है. शेष दूसरे किस्त की राशि 58.75 करोड़ रुपये का भुगतान धान से चावल बनाने मिल की प्रक्रिया शुरू होने पर किया जाना है.

यह है कारण

धान खरीद करने वाले कई लैंपस ने लक्ष्य से अधिक की खरीद कर ली है. इसे लेकर लैंपस में प्रतिनियुक्त प्रभारी वीएलडब्ल्यू ने पावती में हस्ताक्षर करने से इंकार किया. इस कारण धान देने के बावजूद किसान का बिल लैंपस से जिला मुख्यालय तक नहीं पहुंचा. लक्ष्य से ज्यादा खरीद व उसके भुगतान पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी के स्तर से निर्देश देने पर वीएलडब्ल्यू ने किसानों के बिल पर अब तक साइन नहीं किया है. इस कारण किसानों का पहली किस्त की पूरी राशि का भुगतान नहीं हो पाया.

धान खरीद के लिए बने थे 40 केंद्र

जिले मेंं धान खरीद के लिए 40 लैंपस का चयन किया गया था. लक्ष्य 5.50 लाख क्विंटल निर्धारित था जबकि 5.75 लाख क्विंटल की खरीद की गयी. पूर्व के वर्षों में सात लाख क्विंवटल व छह लाख क्विंटल धान की खरीदारी हुई थी. इसकी जांच जांच अबतक लंबित है. इसमें चाकुलिया समेत कई अंचलों में सर्वाधिक धान बेचने वालों का पता चला था. तत्कालीन डीसी सूरज कुमार ने 11 अंचलों में सर्वाधिक धान बेचने वालों की जांच कर रिपोर्ट मांगी थी, जब तक तक कार्रवाई तक नहीं पहुंचा है.

Also Read: जमशेदपुर : नकली सोना जमा कर बैंक से लिया करोड़ों का लोन, ऐसे हुआ मामले का खुलासा

धान खरीद के तीन दिनों के अंदर 50 फीसदी राशि का भुगतान किसानों के खाता में किया जाना था. कई किसानों को तकनीकी कारणों से पूरा भुगतान नहीं हो पाया है. विभाग को इसकी जानकारी दी गयी है. कुछ लैंपस में प्रभारी वीएलडब्ल्यू ने लक्ष्य से अधिक खरीद के बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया. इसके लिए जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने निर्देश दे दिया है.

-विजय प्रताप तिर्की, जिला सहकारिता पदाधिकारी

Next Article

Exit mobile version