जमशेदपुर. 25 फरवरी को आयोजित बी-कॉम की परीक्षा का एक पेपर खराब होने के तनाव को राष्ट्रीय हैंडबॉल खिलाड़ी कुमारी सुमन नहीं झेल सकी और फंदे से लटककर जान दे दी. कुमारी सुमन ने 28 जनवरी को कोल्हान यूनिवर्सिटी इंटर कॉलेज एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक प्राप्त की थी. सोमवार को कुमारी सुमन के शव का पोस्टमार्टम कराया गया.
इस संबंध में टाटा स्टीलकर्मी सह टाटा वर्कर्स यूनियन में चालक के पद पर कार्य करने वाले सुमन के पिता सुनील कुमार सिंह के बयान पर साकची थाना में अस्वभाविक मौत का मामला दर्ज किया गया है. जानकारी के मुताबिक कुमारी सुमन को उसके पिता ने पेपर खराब होने के बाद काफी समझाया था. कहा था कि वह न घबराये, दोबारा पेपर देने की तैयारी करे. कुमारी सुमन ने पिता की एक न सुनी और 26 फरवरी को दिन में फंदे से लटक गयी. सुमन की मौत से पूरा खेल जगत स्तब्ध है.
वीमेंस कॉलेज बीकॉम फाइनल ईयर की छात्रा कुमारी सुमन 23-28 जनवरी तक भिलाई में आयोजित सीनियर नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए झारखंड टीम के साथ गयी थी. इस वजह से उसका पेपर छूट गया. होनहार खिलाड़ी होने कारण कॉलेज ने उनके लिए 25 फरवरी को परीक्षा का प्रबंध किया था. परीक्षा खराब जाने के कारण वह सदमे में थी.
28 जनवरी को जीता था पदक
28 जनवरी को जेआरडी में आयोजित कोल्हान यूनिवर्सिटी इंटर कॉलेज एथेलिटिक्स प्रतियोगिता के 200 मीटर दौड़ में पदक हासिल किया था. वह इससे पहले इंटर कॉलेज एथलेटिक्स चैंपियनशिप के बालिका वर्ग में बेस्ट एथलीट बनी थी. इसके अलावा कुमारी सुमन ने काशीडीह स्कूल से अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की थी. अपने स्कूल के दिनों में भी एथलीट व हैंडबॉल के लिए जानी जाती थी. कुमारी सुमन ने अपने स्कूल का नाम रोशन करते हुए कई मौके पर पदक हासिल की थी. कुमारी सुमन फर्राटा दौड़ के अलावा क्रॉस कंट्री व लांग जंप की शानदार एथलीट थी.
मुझे यकीन नहीं हुआ : खुर्शीद खान. झारखंड हैंडबॉल एसोसिएशन के सचिव खुर्शीद खान ने बताया कि कुमारी सुमन के मौत की खबर सुननकर एसोसिएशन के लोगों को यकीन ही नहीं हुआ. उसने इतना बड़ा फैसला कैसे लिया मुझे समझ नहीं आ रहा है.
कुमारी सुमन के लिए मैदान ही सब कुछ था : पूनम राय. कुमारी सुमन की हैंडबॉल कोच पूनम राय ने कहा कि वह खेल के लिए काफी डेडिकेटेड थी. उसके जीवन में खेल से ज्यादा कुछ भी मायने नहीं रखता था.