तभी विपरीत दिशा से आ रही कार के नीचे वह आ गयी. वह गंभीर रूप से घायल हो गयी. उसके सिर में गंभीर चोटें आयी हैं, उसका इलाज टीएमएच के सीसीयू में चल रहा है. दुर्घटना के बाद जमा हो गये स्थानीय लोगों का कार में सवार टीएमएच के डॉ जेके लायक के प्रति आक्रोश भड़क रहा था.
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स्कूल जा रही बच्ची टेंपो से गिरी, कार के नीचे आयी
जमशेदपुर : हमारे बच्चे स्कूल आने और जाने के दौरान कितने असुरक्षित हैं, इसका ताजा उदाहरण बुधवार को देखने को एक बार फिर देखने को मिला. कदमा उलियान स्थित ब्रह्मलोकधाम मोड़ के पास एक गड्ढे में टेंपो के पहिये के चले जाने के कारण वह हिचकोले खाया, जिससे स्कूल जाने के लिए वाहन में सवार […]
जमशेदपुर : हमारे बच्चे स्कूल आने और जाने के दौरान कितने असुरक्षित हैं, इसका ताजा उदाहरण बुधवार को देखने को एक बार फिर देखने को मिला. कदमा उलियान स्थित ब्रह्मलोकधाम मोड़ के पास एक गड्ढे में टेंपो के पहिये के चले जाने के कारण वह हिचकोले खाया, जिससे स्कूल जाने के लिए वाहन में सवार चार साल की खुशबू टेंपो से छिटककर सड़क पा जा गिरी.
खुले ऑटो में स्कूली बच्चों को ले जाने का प्रावधान ही नहीं
खुले ऑटो में स्कूली बच्चों खासकर 12 साल से छोटे बच्चों को ले जाने का कहीं भी प्रावधान नहीं है. सुप्रीम कोर्ट या विभिन्न सरकारों की ओर से जारी गाइडलाइन में बसों के अलावा कैब या मैक्सी कैब की ही इजाजत दी गयी है. यानी ऐसे वाहन जो खुले ना हों. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने बसों से स्कूली बच्चों को ले जाने की स्थिति में भी खिड़कियों में समानांतर छड़ें लगाना जरूरी करार दिया है. साथ ही गाइडलाइन में यह भी कहा है कि वाहन में बच्चों की संख्या 12 साल से छोटे बच्चों की स्थिति में क्षमता से डेढ़ गुनी से अधिक नहीं और 12 साल से अधिक की स्थिति में क्षमता के बराबर रखना होगा. वाहन में इतनी जगह होनी जरूरी है कि बच्चे को अपने स्कूल बैग वाहन के बाहर लटकाने या छत पर रखने की जरूरत ना हो. लेकिन जमशेदपुर में इन सभी निर्धारित मापदंडों की अनदेखी कर मासूम बच्चों की जान खतरे में डाली जाती रही है.
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