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संजीव सिंह हत्याकांड. दुबराज ने मारी थी गोली

जमशेदपुर: जोजोबेड़ा रेलवे फाटक के समीप जमीन कारोबारी संजीव सिंह की हत्या सरायकेला के शातिर अपराधी मंगल टुडू ने अपने छह साथियों की मदद से की थी. पुलिस ने हत्या में शामिल झामुमो नेता मिथुन चक्रवर्ती को शनिवार रात बुरुडीह फाटक के पास से गिरफ्तार कर लिया है. मिथुन ने हत्या से पूर्व संजीव की […]

जमशेदपुर: जोजोबेड़ा रेलवे फाटक के समीप जमीन कारोबारी संजीव सिंह की हत्या सरायकेला के शातिर अपराधी मंगल टुडू ने अपने छह साथियों की मदद से की थी. पुलिस ने हत्या में शामिल झामुमो नेता मिथुन चक्रवर्ती को शनिवार रात बुरुडीह फाटक के पास से गिरफ्तार कर लिया है. मिथुन ने हत्या से पूर्व संजीव की रैकी की थी.

घटना में पुलिस मंगल टुडू (आदित्यपुर), मुखिया के पति दुबराज नाग (बारीगोड़ा), मोहन कच्छप (सारजामदा), चित्रू सरदार (छोलागोड़ा), डोमनिक सैमसंग (जेम्को) तथा सरफू (सरायकेला) की तलाश कर रही है. संजीव की हत्या करने के बाद सभी अपराधी पोटका के रास्ते से ओड़िशा भाग गये थे. यह खुलासा सोमवार को एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने किया. एसएसपी ने बताया कि दुबराज नाग ने ही संजीव सिंह को गोली मारी है. हत्या की साजिश मोहन कच्छप ने रची थी. उन्होंने बताया कि फरार मंगल टुडू ने पिछले दिनों आदित्यपुर में स्कॉर्पियों पर सवार भाजपा नेता दीपक मुंडा की बम व गोली मारकर हत्या की थी. इसके अलावा अपराधी डोमनिक सैमसंग ने मनोज सरकार के साथ मिलकर चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के बाहर रेलवे ठेकेदार बलराम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. डोमनिक सैमसंग एंग्लो इंडियन है. एसएसपी ने बताया कि दुबराज नाग, मंगल टुडू, डोमनिक के खिलाफ कई अापराधिक मामले दर्ज हैं. आदित्यपुर व सीकेपी में हत्या करने के बाद अपराधियों ने परसुडीह में पनाह ली थी.

मोहन कच्छप व दुबराज से थी दुश्मनी. एसएसपी ने बताया कि संजीव सिंह ने पांच वर्ष पूर्व मोहन कच्छप को मारपीट के मामले में जेल भेजवाया था. मोहन के जेल में रहने के दौरान संजीव सिंह ने उसके पिता को बेइज्जत किया. पिता को बेइज्जत की घटना से आहत मोहन वर्ष 2014 में जेल से बाहर निकलने के बाद ही संजीव से बदला लेने की फिराक में था. तब संजीव बारीगोड़ा में जमीन कारोबार में सक्रिय हो गया था. इस बीच दुबराज नाग की पत्नी सुनीता नाग के मुखिया चुने जाने के बाद दुबराज जमीन के कारोबार में सक्रिय हो गया. दुबराज किसी भी तरह की जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों से प्रति कट्ठा पांच हजार रुपये रंगदारी वसूलने लगा. दुबराज के सक्रिय होने पर संजीव सिंह ने बड़ा गोविंदपुर में जमीन का कारोबार करना शुरू कर दिया. जिसपर मिथुन चक्रवर्ती ने सीओ कार्यालय में जाकर बड़ा गोविंदपुर वाली संजीव की खरीदी गयी जमीन के म्यूटेशन पर रोक लगाने की मांग की थी. इसके बाद से दुबराज नाग, मिथुन की संजीव की दुश्मनी बढ़ती गयी. जिसके बाद सभी ने मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची.
फाटक पर छुपे थे चित्रू व सरफू
एसएसपी ने बताया कि संजीव सिंह की हत्या प्लान बनाकर की गयी. हत्या परसुडीह क्षेत्र में होने वाली थी, लेकिन मौका नहीं मिला. 12 मई की सुबह 9 बजे से हत्या की घटना को अंजाम देने तक जोजोबेड़ा रेलवे फाटक के पास चित्रू सरदार और सरफू छुपे थे. मिथुन बाइक से रैकी करते हुए कृष्णानगर टेंपो स्टैंड तक आया. संजीव टेल्को घर जाने के क्रम में जोजोबेड़ा रेलवे फाटक के समीप आया. फाटक बंद होने पर एक्टिवा खड़ी कर दी. पीछे दो बाइक पर सवार दुबराज नाग, मंगल टुडू, मोहन कच्छप तथा डोमनिक पहुंचे और एक्टिवा के समीप बाइक सटाकर खड़ी की. इसके बाद संजीव को गोलियों से छलनी कर दी और गदरा की तरफ भाग निकले.

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