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सृष्टि बचाना है, तो पानी बचायें
जमशेदपुर : अभी भी समय बीता नहीं है. अगर सृष्टि की रक्षा करनी है, तो पानी को बचाना होगा. यह बातें सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के साइंटिस्ट टीबीएन सिंह ने कहीं. वे बेल्डीह क्लब में जल प्रबंधन के जरिये स्थायी विकास को लेकर आयोजित दो दिवसीय परिचर्चा सह कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. कार्यशाला […]
जमशेदपुर : अभी भी समय बीता नहीं है. अगर सृष्टि की रक्षा करनी है, तो पानी को बचाना होगा. यह बातें सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के साइंटिस्ट टीबीएन सिंह ने कहीं. वे बेल्डीह क्लब में जल प्रबंधन के जरिये स्थायी विकास को लेकर आयोजित दो दिवसीय परिचर्चा सह कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. कार्यशाला टाटा स्टील रुरल डेवलपमेंट सोसाइटी (टीएसआरडीएस) और टाटा स्टील नेचुरल रिसोर्स डिवीजन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गयी थी. इस दौरान ग्राउंड वाटर की क्वालिटी, रेन वाटर हारवेस्टिंग और क्लिन वाटर को लेकर उठाये गये कदम पर परिचर्चा आयोजित की गयी.
इस दौरान साइंटिस्ट जीके राय ने कहा कि बारिश का पानी बचाने, पानी को रिचार्ज करने और जलछाजन को बढ़ावा देने से ही जल संरक्षण का काम पूरा हो सकता है. इस मौके पर झारखंड के अदिवासी विकास सोसाइटी के डायरेक्टर डॉ एचएस गुप्ता ने कहा कि गांवों के विकास में जल संरक्षण का महत्वपूर्ण स्थान है. यूनिसेफ के स्टेट कंसल्टेंट डॉ विवेक चौहान ने बताया कि पानी को प्रदूषण से बचाने की चुनौती है. इस मौके पर धन्यवाद ज्ञापन टाटा स्टील के चीफ नेचुरल रिसोर्सेस डिवीजन टीएस सुरेश कुमार ने दिया.
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