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सिकदर को विदाई देते आंखें हुईं नम, रोया दिल

जमशेदपुर: टाटा स्टील में एलडी गैस होल्डर फटने की घटना में मारे गये इक्वीपमेंट मेंटेनेंस सर्विसेज (इएमएस) विभाग के कर्मचारी बीएन सिकदर का शव शुक्रवार को शहर पहुंचा. सोनारी स्थित स्वर्ण विहार के फ्लैट नंबर 312 (बीएन सिकदर का आवास) में परिजनों के दर्शनार्थ कुछ देर के लिए शव रखा गया. इसके बाद बिष्टुपुर स्थित […]

जमशेदपुर: टाटा स्टील में एलडी गैस होल्डर फटने की घटना में मारे गये इक्वीपमेंट मेंटेनेंस सर्विसेज (इएमएस) विभाग के कर्मचारी बीएन सिकदर का शव शुक्रवार को शहर पहुंचा. सोनारी स्थित स्वर्ण विहार के फ्लैट नंबर 312 (बीएन सिकदर का आवास) में परिजनों के दर्शनार्थ कुछ देर के लिए शव रखा गया. इसके बाद बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट में अंतिम संस्कार किया गया.

इस दौरान टाटा स्टील के चीफ एडमिनिस्ट्रेशन एमजी सिंह, कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन के प्रभारी हेड आशीष कुमार, सीनियर मैनेजर अशोक घोष, शुभ्रा पॉल, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह, डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नू, महामंत्री बीके डिंडा मौजूद थे. इन लोगों ने बीएन सिकदर के परिवार को ढांढ़स बंधाया और दु:ख की इस घड़ी में उनके साथ रहने की बात कही. इस दौरान टाटा स्टील के वीपी या डिप्टी वीपी रैंक के अधिकारी वहां नजर नहीं आये.

मेरा भाई लौटा दीजिये
बीएन सिकदर के भाई ने पीएन सिंह से रोते हुए कहा कि फिर से कोई परिवार नहीं उजड़े, ऐसी व्यवस्था कीजिये. मेरे भाई को लौटा दीजिये. इस पर पीएन सिंह की आंखें भी नम हो गयीं.

स्वर्ण विहार पहुंचे यूनियन के पदाधिकारी
दोपहर करीब 3.15 बजे बीएन सिकदर का शव रांची हवाई अड्डा से सड़क मार्ग से स्वर्ण विहार लाया गया. शव आते ही बीएन सिकदर के परिजनों के रुदन से वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गयीं. उनकी पत्नी काकोली, बेटी रिया और मां राधारानी को फूट-फूटकर रोते देख लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाये. यहां यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह, महामंत्री बीके डिंडा, कोषाध्यक्ष आर रवि प्रसाद, उपाध्यक्ष शाहनवाज आलम, सहायक सचिव सतीश सिंह, कमेटी मेंबर आरसी झा, आरआर शरण, टी लाल, शिव कुमार पासवान, जुस्को यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय मौजूद थे. इन्होंने बीएन सिकदर के परिजनों को संभाला. बीके डिंडा ने अपना फोन नंबर देते हुए कहा कि कोई भी दिक्कत होने पर वे 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे.

हर बार लग रहा था कि बच जायेंगे
मेदांता अस्पताल में बीएन सिकदर के साथ उनके बहनोई डीके दास, कंपनी की ओर से इक्वीपमेंट मेंटेनेंस सर्विसेज विभाग के हेड पार्थो राय थे. डीके दास ने बताया कि जब बीएन सिकदर को मेदांता ले जाया गया तो लगा कि वे बच जायेंगे. अस्पताल में वे भगवान से उनके बचने की प्रार्थना करते रहे. कंपनी की ओर से भी उन्हें बचाने का हर संभव प्रयास किया गया. पार्थो राय ने कहा कि हम लोग चाहते थे कि किसी भी तरह बीएन सिकदर को बचाया जा सके. हमलोग कुछ प्रोग्रेस की रिपोर्ट का इंतजार करते रहे.

अंतिम संस्कार की राशि दी
बीएन सिकदर के आवास पर पहुंचे टाटा स्टील के कनीय अधिकारियों के दल ने उनकी पत्नी काकुली को कंपनी के नियमों के मुताबिक अंतिम संस्कार की राशि दी. साथ ही, कंपनी की ओर से हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया.

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