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इंटक अधिवेशन के बहाने दल्लिी की सैर

इंटक अधिवेशन के बहाने दिल्ली की सैर -तय सीमा से अधिक पदाधिकारी व कमेटी मेंबर शामिल हुए (फ्लैग) काफी मशक्कत के बाद मिली कई को इंट्री-अधिवेशन में कम दिल्ली की सड़कों पर ज्यादा घूमे -500 की सदस्यता पर भेजना था एक डेलीगेटसंवाददाता, जमशेदपुर दिल्ली में आयोजित इंटक के 31वें अधिवेशन में शामिल होने जमशेदपुर से […]

इंटक अधिवेशन के बहाने दिल्ली की सैर -तय सीमा से अधिक पदाधिकारी व कमेटी मेंबर शामिल हुए (फ्लैग) काफी मशक्कत के बाद मिली कई को इंट्री-अधिवेशन में कम दिल्ली की सड़कों पर ज्यादा घूमे -500 की सदस्यता पर भेजना था एक डेलीगेटसंवाददाता, जमशेदपुर दिल्ली में आयोजित इंटक के 31वें अधिवेशन में शामिल होने जमशेदपुर से बड़ी संख्या में यूनियन के पदाधिकारी व कमेटी मेंबर दिल्ली गये. इसमें कई पदाधिकारी व कमेटी मेंबर तो सिर्फ दिल्ली घूमने या कंपनी से मिले रिलीज (छुट्टी) का लुत्फ उठाने गये थे. यह अलग बात है कि कंपनी या यूनियन फंड से उनके खर्च का वहन किया गया. कंपनी प्रबंधन से (रिलीज) छुट्टी दी गयी वह भी वेतन सहित. अधिवेशन में शामिल होने के लिए 5000 की सदस्यता पर एक जेनरल काउंसिल सदस्य को तथा 500 की सदस्यता पर एक डेलीगेट को शामिल होना था. अगर यूनियन के सदस्यों की संख्या के अाधार पर बात करें तो टाटा वर्कर्स यूनियन से 32 डेलीगेट को शामिल होना था पर 100 लोग गये थे. शहर की कई कंपनी में यूनियन (लाफार्ज, टीएसपीडीएल, टेलकॉन. टिमकेन) से एक अौर मुश्किल से दो भी पदाधिकारी या कमेटी मेंबर को शामिल होने का आधार था पर 5 से 10 लोग शामिल होने गये थे. इतनी संख्या में यूनियन सदस्यों के पहुंचने से आयोजकों पर भी बोझ बढ़ गया था. असंगठित के नाम पर भी कई का बेड़ा पारअधिवेशन में असंगठित यूनियन के नाम पर कई लोगों ने अपनी उपस्थिति जतायी. कंपनी में तो चेक अॉफ या गेट पास, वेतन परची से संख्या निश्चत रहती है पर असंगठित में कई संगठनों ने संख्या में कई बड़ी कंपनी की संख्या को भी पीछे छोड़ दिया है जिसका लाभ देश-विदेश के बैठक में शामिल होने के लिए डेलीगेट भेजने में किया जाता है. अधिवेशन में भी कई लोगों ने इसी नाम पर प्रवेश पा लिये. संख्या निर्धारित थी : राकेश्वरइंटक के राष्ट्रीय सचिव राकेश्वर पांडेय ने बताया कि अधिवेशन में शामिल होने के लिए 5000 की सदस्यता पर एक जेनरल काउंसिल सदस्य को शामिल होना था तथा 500 की सदस्यता पर एक डेलीगेट को शामिल होना था. जेनरल काउंसिल के लोगों को वोटिंग राईट थी.

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