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शहर में तैयार हो रही खिलाड़ियों की फौज

जमशेदपुर: झारखंड सरकार की डे बोर्डिग कोचिंग योजना जमशेदपुर में ऐसे खिलाड़ियों के लिए वरदान साबित हो रही है जिन्हें स्कूल में उचित प्रशिक्षण की सुविधा नहीं मिल रही है. या जिनके परिजनों के पास खेलों में कोचिंग के लिए पैसे का अभाव है. सरकार की ओर से शुरू किये गये डे बोर्डिग कोचिंग सेंटर […]

जमशेदपुर: झारखंड सरकार की डे बोर्डिग कोचिंग योजना जमशेदपुर में ऐसे खिलाड़ियों के लिए वरदान साबित हो रही है जिन्हें स्कूल में उचित प्रशिक्षण की सुविधा नहीं मिल रही है. या जिनके परिजनों के पास खेलों में कोचिंग के लिए पैसे का अभाव है. सरकार की ओर से शुरू किये गये डे बोर्डिग कोचिंग सेंटर में विद्यार्थियों को ना सिर्फ खेल-कूद की सही ट्रेनिंग दी जा रही है बल्कि उन्हें ट्रेनिंग के साथ ही प्रति महीने पैसे भी दिये जा रहे हैं. जिससे वे खेलने के साथ ही सही खान-पान भी कर सकें. इसका सकारात्मक परिणाम सामने आया है. करीब तीन दर्जन ऐसे खिलाड़ी हैं, जो डे बोर्डिग कोचिंग सेंटर से निकल कर राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
तीन जगहों पर दी जाती है ट्रेनिंग .डे बोर्डिग कोचिंग सेंटर में खिलाड़ियों को हैंडबॉल, बॉक्सिंग और वॉलीबॉल की ट्रेनिंग दी जाती है. खिलाड़ियों को हैंडबॉल की ट्रेनिंग संत मेरीज इंग्लिश स्कूल ग्राउंड, वॉलीबॉल की ट्रेनिंग डीबीएमएस कदमा जबकि बॉक्सिंग की ट्रेनिंग जेआरडी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में दी जाती है.
एक ही कोच को गर्ल्‍स और ब्वॉयज की जिम्मेवारी
गर्ल्‍स और ब्वॉयज के लिए अलग-अलग ट्रेनिंग की व्यवस्था की गयी है. लेकिन हाल के दिनों में दोनों की ट्रेनिंग एक साथ हो रही है. हैंड बॉल गर्ल्‍स के लिए पूनम रॉय कोच हैं, जबकि ब्वॉयज के कोच के रूप में प्रकाश राव थे, लेकिन उनके स्थान पर अब पूनम रॉय ही ब्वॉयज टीम को भी कोचिंग देंगी. वॉलीबॉल के गर्ल्‍स और ब्वॉयज दोनों ही टीम को कोचिंग सुप्रभा पांडा जबकि बॉक्सिंग की ट्रेनिंग कार्तिक महतो दे रहे हैं.
खिलाड़ी को 500, तो कोच को प्रति महीने 5500 रुपये
डे बोर्डिग कोचिंग सेंटर में खेल-कूद की ट्रेनिंग लेने वाले विद्यार्थियों को सरकार की ओर से 500 रुपये प्रति महीने मिलते हैं. वहीं उन्हें ट्रेनिंग देने वाले कोच को प्रति महीने 5500 रुपये दिये जा रहे हैं. लेकिन पिछले दो साल से खिलाड़ियों को किट नहीं दिया जा रहा है. शहर में हैंडबॉल की ट्रेनिंग 2006, वॉलीबॉल की 2008 और बॉक्सिंग की ट्रेनिंग 2010 से दी जा रही है. वर्तमान में हैंडबॉल में 40 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि वॉलीबॉल में सिर्फ 20 बालिकाएं हैं. दोनों में 40-40 खिलाड़ियों की क्षमता है. बॉक्सिंग में 25 की क्षमता है, लेकिन 14 प्रशिक्षण ले रहे हैं.

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