जमशेदपुर: सोमवार को एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) की दो सदस्यीय टीम ने अस्पताल की व्यवस्था पर नाराजगी जतायी. अस्पताल के सभी विभाग में टीम को कई खामियां मिली. टीम ने अस्पताल का किचन, ऑक्सीजन पाइप, ओपीडी, ऑपरेशन थियेटर को दुरुस्त करने को कहा.
टीम का कहना था कि इस व्यवस्था में मरीज का इलाज कैसे होता है, ऐसी स्वास्थ्य व्यवस्था चिंता का विषय है. टीम में डॉक्टर रमेश भारती (हिमाचल प्रदेश) व डॉ पी जिजिया बाई (आंध्रा मेडिकल अस्पताल) शामिल हैं.
सोमवार को टीम ने अस्पताल में संसाधन, बेड संख्या, किस विभाग में कितना ऑपरेशन हुआ, मरीज सुविधा, मरीजों की संख्या, सभी विभाग के रजिस्टर, डॉक्टरों व स्टाफ की संख्या आदि की जानकारी ली. इस दौरान कई विभाग के विभागाध्यक्ष उपस्थित नहीं थे, वहीं रजिस्टर अपडेट नहीं था. ऑर्थो व सजर्री विभाग में लगा स्ट्रलाइजर को एमसीआइ की गाइड लाइन के अनुरूप करने को कहा. गौरतलब है कि एमसीआइ की टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही एमजीएम कॉलेज में मेडिकल की सीटों की संख्या 50 से 100 की जानी है.
ऑक्सीजन पाइप के सभी प्वाइंट खराब
अस्पताल परिसर में एमसीआइ की टीम के पहुंचते ही अफरा तफरी मच गयी. इमरजेंसी वार्ड की व्यवस्था देख टीम दंग रह गयी. अस्पताल में लगे सभी ऑक्सीजन (एक को छोड़कर) प्वाइंट खराब थे. आइसीयू में रखी मशीनें नहीं चल रही थी. इसे देख टीम ने कहा आइसीयू सिर्फ नाम के लिए है, कोई सुविधा नहीं है. टीम ने अस्पताल की लिफ्ट की जानकारी ली.
ओपीडी में नहीं है प्लास्टर की व्यवस्था
ओपीडी के सजर्री आर्थो विभाग की स्थिति ज्यादा खराब थी. यहां मरीजों के खड़ा होने की जगह नहीं था. यहां प्लास्टर करने के लिए का कोई सामान नहीं उपलब्ध था.
नहीं है टीचिंग सेंटर
अस्पताल के अधिकतर विभाग में टीचिंग के लिए सेंटर नहीं है, जहां मेडिकल छात्रों को बैठाकर पढ़ाया जा सके. सभी विभागों को मिलाकर एक नर्स सेंटर मिला, जबकि सभी वार्ड में नर्स सेंटर होना चाहिए. मेडिकल व आर्थो को छोड़कर किसी विभाग में सेमिनार हॉल नहीं है. टीम को किसी भी विभाग में डेमोसेशन रूम नहीं मिला.
इएनटी-आई विभाग में ऑपरेशन पर नाराजगी
अस्पताल के इएनटी व आई विभाग में ऑपरेशन की संख्या कम होने का कारण विभागाध्यक्ष से पूछा गया. दोनों विभाग में बेड की संख्या भी काफी थी. टीम ने पैथोलॉजी विभाग का रजिस्टर देख कहा कि इतनी कम जांच क्यों होती है. यहां के मरीज बाहर तो नहीं जाते है.
किचन है या बीमारी का घर
किचन देखने पहुंची टीम के सदस्य गंदगी देख भड़क गये. उन्होंने कहा यह किचन है या बीमारी का घर. किचन के प्रभारी डॉ एनएन सिन्हा को इसकी सफाई कराने का निर्देश दिया.
नहीं मिला इंसिनरेटर का रजिस्टर, खोजती रही टीम
अस्पताल परिसर में लगी इंसिनरेटर की जांच करने पहुंची टीम ने पाया कि यह कई दिनों से चली ही नहीं है. इसके रजिस्टर की मांग करने पर प्रबंधन रजिस्टर नहीं दिखा सका. टीम ने जेनरेटर के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन जानकारी नहीं दी गयी.
डॉक्टरों का हुआ फिजिकल वैरिफिकेशन
टीम ने अस्पताल व कॉलेज के सभी प्रोफेसर व डॉक्टरों का फिजिकल वैरिफिकेशन किया. इस दौरान उनसे पूछताछ व कागजात की भी जांच की गयी.
प्रसव केंद्र में नहीं है पानी की व्यवस्था
अस्पताल के प्रसव केंद्र में पहुंची टीम को नर्स व डॉक्टरों ने बताया कि तीन माह से प्रसव केंद्र में पानी नहीं आ रहा है. इसकारण सफाई ठीक से नहीं हो पाती है. कर्मचारियों को बाहर से पानी लाना पड़ता है. वहीं केंद्र के बेडों की स्थिति काफी खराब है. टीम ने कहा कि प्रसव केंद्र की स्थिति ठीक करने की जरूरत है.
टीम ने यहां किया निरीक्षण
रजिस्ट्रेशन रूम, प्रशासनिक भवन, इमरजेंसी विभाग, आइसीयू, ओपीडी, सिटी स्कैन , अल्ट्रासाउंड , शिशु वार्ड, पीआइसीयू, एनआइसीयू, गायनिक विभाग, ओटी, प्रसव केंद्र, मेडिकल विभाग, मेडिकल कांफ्रेंस हॉल, एक्सरे विभाग, चर्म रोग विभाग, इंसिनरेटर, रेडियोलॉजी , एनेथिसिया विभाग, सजर्री विभाग, आर्थो विभाग, लाउंड्री, ब्लड बैंक, पैथोलॉजी.