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300 मनरेगा मजदूरों का छह करोड़ बकाया

जमशेदपुर: जिले में लगभग तीन सौ मजदूरों की मजदूरी के रूप में छह करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है. टुसू पर्व नजदीक है. मजदूरी नहीं मिलने से पर्व का उत्साह ठंडा पड़ सकता है. बताया जाता है कि एफटीओ( फंड ट्रासफर ऑर्डर) बनाने के बावजूद मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. क्योंकि नोडल बैंक रांची […]

जमशेदपुर: जिले में लगभग तीन सौ मजदूरों की मजदूरी के रूप में छह करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है. टुसू पर्व नजदीक है. मजदूरी नहीं मिलने से पर्व का उत्साह ठंडा पड़ सकता है.

बताया जाता है कि एफटीओ( फंड ट्रासफर ऑर्डर) बनाने के बावजूद मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. क्योंकि नोडल बैंक रांची स्थित एसबीआइ से मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक अक्तूबर-नवंबर के मनरेगा अंतर्गत लगभग सात हजार मानवश्रम दिवस का जिला स्तर से एफटीओ बना कर 19 दिसंबर को नोडल बैंक एसबीआइ (रांची) को भेजा गया. नोडल बैंक से मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं की गयी है.

मनरेगा का फंड खत्म, अब तक 31.39 करोड़ खर्च

जिला में मनरेगा का फंड खत्म हो गया है. अब तक 31. 39 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. सरकार ने 38. 37 करोड़ रुपये दिये जिसमें से 11 करोड़ रुपये राज्य सरकार के उधार (रिवाल्विंग फंड) का काट कर जिले को 27. 37 करोड़ रुपये मिले. डीआरडीए के उधार के दो करोड़ रुपये, पिछले साल का शेष साढ़े तीन करोड़ रुपये में से अब तक 31. 39 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. जिला को डीआरडीए के दो करोड़ एवं राज्य सरकार को रिवाल्विंग फंड का और एक करोड़ वापस करना है. 4021 में से नौ सौ योजनायें अब तक पूर्ण हैं और लगभग पांच सौ योजनाएं पूर्ण होने की प्रक्रिया में है. इस वर्ष दो हजार योजनाएं स्वीकृत की गयी थी जिनमें 15 सौ पर काम शुरू नहीं हुआ है, जिसे वित्तीय वर्ष 2015-16 के वार्षिक कार्य योजना में शामिल कर स्वीकृति प्रदान की जायेगी.

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