-1951 से लेकर 1962 तक एक ही सीट था जमशेदपुर ब्रजेश सिंह, जमशेदपुर आज जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिम दो विधानसभा सीट के रूप में जाना जाता है. लेकिन, वर्ष 1951 से लेकर 1962 तक हुए विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर एक ही सीट के अंतर्गत आता था. वर्ष 1951 में हुए पहले चुनाव में जमशेदपुर सीट से शिव चंद्रिका प्रसाद कांग्रेस के टिकट पर जीते. इसके बाद 1957 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआइ) के टिकट पर केदार दास विजयी हुए. 1962 में भी वामपंथी दलों को व्यापक समर्थन मिला तथा यहां से राम अवतार सिंह जीते. 1962 तक बिरसानगर से लेकर सोनारी और बिष्टुपुर साकची समेत सभी इलाके जमशेदपुर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा हुआ करते थे. इसमें मानगो और जुगसलाई का कुछ हिस्सा भी शामिल था. 1962 के चुनाव के बाद 1967 में विधानसभा क्षेत्र का नये सिरे से परिसीमन हुआ. आबादी और वोटरों की संख्या को देखते हुए पूर्वी और पश्चिमी विधानसभा के रूप में जमशेदपुर को अलग कर दिया गया. परिसीमन के बाद हुए चुनाव में जमशेदपुर पश्चिमी (मानगो, सोनारी, कदमा, बिष्टुपुर और साकची का आधा हिस्सा को मिलाकर) से कांग्रेस के सी व्यास जबकि जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट (साकची का आधा हिस्सा, एग्रिको, सिदगोड़ा, भुइयांडीह, बारीडीह, बिरसानगर, टेल्को समेत आसपास के इलाके) से कांग्रेस के ही मजदूर नेता रहे एमजे अखौरी चुनाव जीते. इसके बाद से जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी सीट पर अलग-अलग चुनावी समीकरण में प्रत्याशी जीतते रहे हैं. वर्तमान में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक रघुवर दास ( भाजपा) और पश्चिमी के विधायक बन्ना गुप्ता (कांग्रेस) हैं.
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1967 में अस्तित्व में आया जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी सीट
-1951 से लेकर 1962 तक एक ही सीट था जमशेदपुर ब्रजेश सिंह, जमशेदपुर आज जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिम दो विधानसभा सीट के रूप में जाना जाता है. लेकिन, वर्ष 1951 से लेकर 1962 तक हुए विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर एक ही सीट के अंतर्गत आता था. वर्ष 1951 में हुए पहले चुनाव में जमशेदपुर सीट […]
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