जमशेदपुर: सजायाफ्ता अखिलेश सिंह ने बंदी आवेदन पत्र के जरिये अपने ऊ पर हुए हमले के मामले में कोर्ट से न्याय दिलाने की मांग की है. घाघीडीह जेल में बंद अखिलेश सिंह ने जिला जज को भेजे गये बंदी आवेदन पत्र के जरिये आरोप लगाया है कि कोर्ट परिसर में सर्मपण के दौरान उस पर गोली चलाने के लिए साजिश याराना होटल के मालिक उपेंद्र शर्मा और गुरुमुख सिंह मुखे ने रची थी.
उनके द्वारा ही अपराधियों को बुलाया गया था. इसके लिए अपराधियों को दो लाख रुपये और पिस्टल दिये गये थे. अखिलेश सिंह ने इस पत्र की प्रति मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, जिले के डीसी एवं एसएसपी को भी दी है. साथ ही पत्र में अखिलेश सिंह ने इस मामले में पुलिस द्वारा पक्षपात करने और उसके बयान पर मामला दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया गया है. अखिलेश सिंह का कहना है कि हन्नी सिंह ने पकड़े जाने के बाद कोर्ट परिसर में कई लोगों के समक्ष इसकी जानकारी दी. उसने बताया कि सरबजीत के ही कहने पर गुरुमुख सिंह मुखे से मिला. मुखे ने मुङो एक पिस्टल और पांच गोलियां दी.
मैं बहकावे और लालच में आकर हत्या करने के लिए कोर्ट आ गया. अखिलेश सिंह का कहना है कि उसकी हत्या की कोशिश करने वाले को पकड़ कर पुलिस को सौंपा. मैं प्राथमिकी दर्ज कराना चाहता हूं, लेकिन पुलिस का कोई भी पदाधिकारी मेरा बयान लेने नहीं आया. मामले की लीपापोती के लिए पुलिस खुद केस दर्ज की. अखिलेश सिंह ने पुलिस पर जानबूझ कर प्राथमिकी दर्ज नहीं करवाने और मुख्य आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. उसने कोर्ट परिसर में अपने उपर हुए हमले की प्राथमिकी दर्ज कराने और दोनों आरोपियों के सेल फोन के कॉल रिकार्ड की जांच वरीय आरक्षी अधीक्षक या सिटी एसपी को सौंपने की अनुमति देने की मांग जिला जज से की है.