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साइकिल में बैटरी लगाकर बना दिया माेटरसाइकिल
जमशेदपुर : मानगाे जवाहनगर राेड नंबर 13 में रहनेवाले माेहम्मद शहनवाज ने पेट्राेल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमताें से हाेने वाली परेशानियाें से निजात पाने का तरीका इजाद किया है. उन्होंने अपनी साइकिल में ही बैटरी लगाकर माेटरसाइकिल बना दिया है. दाे घंटे बैटरी चार्ज करने पर माेहम्मद शहनवाज की बैटरीवाली साइकिल 25 किलाेमीटर का सफर […]
जमशेदपुर : मानगाे जवाहनगर राेड नंबर 13 में रहनेवाले माेहम्मद शहनवाज ने पेट्राेल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमताें से हाेने वाली परेशानियाें से निजात पाने का तरीका इजाद किया है. उन्होंने अपनी साइकिल में ही बैटरी लगाकर माेटरसाइकिल बना दिया है.
दाे घंटे बैटरी चार्ज करने पर माेहम्मद शहनवाज की बैटरीवाली साइकिल 25 किलाेमीटर का सफर आसानी से पूरी करती है. बैटरी युक्त हाेने के कारण यह माेटर गाड़ी का भी मजा देती है. इसकी अधिकतम स्पीड 20-22 किलाेमीटर प्रति घंटा हाेने के कारण किसी तरह की दुर्घटना का भी खतरा नहीं होता.
करीम सिटी में इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद आइटीआइ में दाखिला लेनेवाले माेहम्मद शहनवाज ने बताया कि वर्ष 2010 में पिता माेहम्मद मुस्तकीम का इंतकाल हाेने के बाद उन्हाेंने पढ़ाई छाेड़ घर पर ही बिजली के उपकरण मरम्मत की एक दुकान खाेल ली, जिससे वे किसी तरह अपने परिवार का भरण-पाेषण करते हैं. उनका भतीजा स्कूल जाता है, जिसका हर माह टेंपाे खर्च 600 रुपये हाे जाता है. स्कूल पास में ही है, लेकिन टेंपाे से जाने से समय काफी अधिक लगता है. इसी दाैरान उन्हें आइडिया आया कि क्याें न साइकिल काे ही माेटरसाइकिल बना दिया जाये. इसके बाद शहनवाज ने इनाेवेशन शुरू किया. चेपा पुल के कुछ लाेगाें ने बैटरीवाले साइकिल बनाने का अॉडर भी उन्हें दिया है.
20 हजार में साइकिल हो गई मॉडिफाइ
माेहम्मद शहनवाज ने बताया कि चार हजार रुपये की यदि साइकिल है, ताे उसे मॉडिफाइ कर माेटर साइकिल का मजा लिया जा सकता है. इस साइकिल में उन्हाेंने 250 वाट की माेटर लगायी, 12-12 वाेल्ट की दाे बैटरियां लगायी है. हॉर्न आैर एलइडी लाइट का भी प्रयाेग किया गया है. प्रदूषण से पूरी तरह से यह साइकिल मुक्त है. साइकिल के हैंडल में एक्सीलेटर वायर ग्रिप लगायी गयी है, जिससे इसकी स्पीड बढ़ायी जा सके. 15-17 साल के दाे लड़काें काे यह बाइक काफी आसानी से खींचेगी. अधिकतम वजन 140 किलाेग्राम यह उठा सकती है. माेहम्मद शहनवाज ने बताया कि जल्द ही इसे आैर मॉडिफाइ करते हुए इस पर साेलर सिस्टम लगायेंगे, ताकि बैटरी की खपत कम हाे आैर यह साेलर एनर्जी से दाैड़े. साइकिल में पैडल भी लगाये जायेंगे, ताकि आपात स्थिति में उनका प्रयाेग किया जा सकेगा.
टेंशन फ्री राइडिंग का मजा : माेहम्मद शहनवाज ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजाेर लाेग महंगी दाे पहिया गाड़ियां नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन वे थाेड़े से पैसे खर्च कर साइकिल में बैटरी लगाकर उसे माेटरसाइकिल जरूर बना सकते हैं. बच्चे यदि जिद करते हैं, ताे उन्हें इस तरह की साइकिल देने में अभिभावकाें काे किसी तरह का टेंशन नहीं हाेगा. मॉडिफाइड माेटरसाइकिल चलाने के लिए न ताे हेलमेट पहनने की जरूरत है न इसके लिए किसी तरह के कागजात की जरूरत पड़ेगी.
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