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झारखंड : ढाई लाख में तय हुआ था फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाली का सौदा, शिक्षिकाओं ने डाक से भेजा कबूलनामा

जमशेदपुर : टिनप्लेट आंध्रा मध्य विद्यालय में बहाल दो फर्जी शिक्षिकाअों का मामला मंगलवार को साफ हो गया. किसी दूसरी महिला के सर्फिकेट पर फर्जी तरीके से नौकरी करने वाली दोनों शिक्षिकाअों ने अपनी गलती स्वीकार ली है. दोनों ने जिला शिक्षा विभाग को रजिस्टर्ड डाक से स्वीकारोक्ति बयान भेजा है. इधर, जिला शिक्षा अधीक्षक […]

जमशेदपुर : टिनप्लेट आंध्रा मध्य विद्यालय में बहाल दो फर्जी शिक्षिकाअों का मामला मंगलवार को साफ हो गया. किसी दूसरी महिला के सर्फिकेट पर फर्जी तरीके से नौकरी करने वाली दोनों शिक्षिकाअों ने अपनी गलती स्वीकार ली है. दोनों ने जिला शिक्षा विभाग को रजिस्टर्ड डाक से स्वीकारोक्ति बयान भेजा है.
इधर, जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह ने भी जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है. स्कूल प्रबंधन समिति के पास एक कॉपी भेजी गयी है, एक सप्ताह के भीतर उन्हें अपना पक्ष देने को कहा गया है. जांच के दौरान पाया गया कि जिस तनुजा साव के नाम पर फर्जी शिक्षिका नौकरी कर रही थी, वह फिलहाल उत्क्रमित मध्य विद्यालय बोदरा टोला में सहायक शिक्षिका हैं, जबकि असली शशिबाला कौन है, इसके बारे में पता लगाने का प्रयास विभाग के पदाधिकारी कर रहे हैं.
तत्कालीन प्रबंधन समिति के साथ हुआ था समझौता. टिनप्लेट आंध्रा मध्य विद्यालय में 12 साल पहले तनुजा साव के नाम पर बहाल हुई फर्जी शिक्षिका का असली नाम बी. कृष्णा कुमारी, जबकि शशिबाला के नाम पर बहाल होने वाली फर्जी शिक्षिका का असली नाम लक्ष्मी है.
दोनों ने किसी प्रकार से असली सर्टिफिकेट का डुप्लीकेट कॉपी हासिल कर ली थी. इसी बीच बहाली निकली. तनुजा साव ने लिखित रूप से जिला शिक्षा विभाग को जानकारी दी है कि स्कूल की तत्कालीन प्रभारी प्राचार्या बी. लक्ष्मी के बेटे को वह जानती थी.
उनके जरिये ही उन्होंने ढाई लाख रुपये बहाली के लिए दिये थे, जबकि शशिबाला के नाम पर फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाली लक्ष्मी ने तत्कालीन स्कूल प्रबंधन समिति के सचिव के साथ बहाली से संबंधित बातचीत की थी.
सौदा तय होने के बाद फर्जी सर्टिफिकेट पर दोनों की बहाली हो गयी. दोनों ने अपना असली नाम बदल लिया अौर नकली नाम के सहारे 12 साल तक नौकरी की.
करीब एक करोड़ की होगी रिकवरी. जिला शिक्षा विभाग की अोर से की गयी जांच में यह भी पाया गया है कि उक्त दोनों शिक्षिकाअों ने सरकार को करीब 86 लाख रुपये का चूना लगाया है. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान वेतन मद में 86 लाख रुपये लिये हैं, लेकिन अब उन पर सर्टिफिकेट केस कर करीब एक करोड़ रुपये की वसूली की जायेगी.
स्कूल समिति के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
जांच रिपोर्ट में यह बात भी सामने आयी है कि फर्जीवाड़ा की पूरी जानकारी तत्कालीन स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों को थी, क्योंकि उन्होंने उक्त दोनों ही फर्जी शिक्षिकाअों के असली सर्टिफिकेट की जांच नहीं की. इस मामले में एक सप्ताह में स्कूल प्रबंधन समिति को अपना पक्ष देने को कहा गया है. एक सप्ताह के बाद गोलमुरी थाने में मामला दर्ज कर स्कूल प्रबंधन समिति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
टिनप्लेट आंध्रा मध्य विद्यालय की दोनों शिक्षिका का मामला साफ हो गया है. दोनों किसी दूसरी महिला के सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रही थी. उन्होंने इस बात को कबूल कर लिया है. अब केस कर पैसे की वसूली की जायेगी. स्कूल प्रबंधन समिति भी इस मामले में दोषी है.
बांके बिहारी सिंह, जिला शिक्षा अधीक्षक

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