आदित्यपुर. डस्टबिन के बाहर या कहीं भी खुले में कचरा फेंकने वाले व्यक्ति के खिलाफ आदित्यपुर नगर निगम धारा 133 के तहत केस करेगा. इसमें जुर्माना के साथ सजा का भी प्रावधान है. उक्त जानकारी नगर निगम के इओ दीपक सहाय ने प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने बताया कि लोग खुले में कचरा नहीं फेंके इसकी निगरानी विभिन्न स्थलों पर पांच कार्यक्रम क्रियान्वयन इकाई व स्वयं सहायता समूह के स्वच्छताग्रही के सदस्य करेंगे. वे जनता से कचरा को डस्टबिन में डालने कहेंगे.
इसका पालन नहीं होने पर उनका ब्योरा लेकर केस किया जायेगा. पूरे क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने के लिए लाउडस्पीकर से घोषणा करवायी जायेगी. डस्टबिन भर जाने पर उसे खाली कराने की जिम्मेवारी निगम की है. 4 जनवरी से दो हजार शहरों में शुरू हो रहे भारत सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी में निगम जुट गया है. पिछले साल इस सर्वेक्षण में आदित्यपुर शहर का स्थान देश में 133वां व झारखंड में सबसे नीचे रहा था, जबकि डॉकुमेंटेशन में राज्य में आदित्यपुर दूसरे स्थान पर था. ओडीएफ व सफाई नहीं होने से अंक प्राप्त नहीं हुआ था. इस बार देश के अंडर 50 रैंक पाने कोशिश की जा रही है. यह लक्ष्य जनता के सहयोग से प्राप्त हो सकता है.
शहर में लगेंगे 500 लिटरबिन : शहर को स्वच्छ रखने के लिए नगर निगम 500 लिटरबिन (ट्विनबिन) की खरीद की है. पहले चरण में 250 लिटरबिन 15 दिसंबर से लगाने का काम शुरू हो जायेगा. दुकानदारों को अपना-अपना डस्टबिन रखने के लिए कहा जा रहा है, ताकि वे सड़कों पर कचरा नहीं फेंकें. बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के आसपास भी पूरी सफाई का ध्यान रखा जायेगा.
पेट्रोल पम्प के शौचालयों का होगा उपयोग : इओ श्री सहाय ने बताया कि शहर में कुल सात पेट्रोल पम्प हैं. यहां बने शौचालय सार्वजनिक हैं. इनका उपयोग कोई भी कर सकता है. इसके लिए सभी पेट्रोल पम्प पर साइन बोर्ड लगाया जायेगा. यदि पेट्रोल पम्प के शौचालय बंद रहेंगे तो कार्रवाई की जायेगी.
व्यवसायिक क्षेत्र में हो रही रात्रि सफाई : शहर में छह व्यवसायिक क्षेत्र का चयन किया गया है. गम्हरिया बाजार, शेर-ए-पंजाब चौक, पान दुकान चौक, एस टाइप से आशियाना मोड़ तक, पथ संख्या चार व सात में रात्रि में सफाई की व्यवस्था की गयी है.
होटल व सोसायटी कचरों का खुद करेंगे निपटारा
बड़े होटल व हाउसिंग सोसायटी से निकलने वाले गीले कचरों को नगर निगम नहीं उठायेगा. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के तहत गीले कचरों का निष्पादन उन्हें स्वयं करना है. इसके लिए उन्हें पिट बनाकर गीले कचरे की कंपोस्टिंग तैयार करना है. जिसका उपयोग खाद के रूप में किया जा सकेगा. इसका पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया जायेगा. विवाह भवनों को भी अपने कचरों को निगम के डस्टबिन में ही डालना है.