इस अर्जी पर शनिवार को कोर्ट में दोनों पक्षों में बहस हुई. अखिलेश सिंह के अधिवक्ता विद्या सिंह ने कोर्ट को बताया कि अखिलेश सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर हो चुका है अौर इस मामले का सेशन (एसटी नंबर 122/17) एडीजे पांच कोर्ट में चल रहा है. अखिलेश सिंह इस मामले में 13 नवंबर को कोर्ट में हाजिर भी हो चुका है. केस पूर्व से खुला हुआ है इसलिए इसे फिर से खोलने (अनुसंधान) की जरूरत नहीं है. कहा गया कि पुलिस इससे पूर्व अखिलेश सिंह को पांच दिनों के रिमांड पर ली थी, लेकिन पूछताछ में कोई नया साक्ष्य नहीं आया. साथ ही 16 नवंबर को रिमांड से वापसी के दौरान एमजीएम अस्पताल में चेकअप के दौरान डॉक्टर ने दस दिनों का बेड रेस्ट बताया था.
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उपेंद्र सिंह हत्याकांड: पुलिस को नहीं मिली अखिलेश की रिमांड
जमशेदपुर: कोर्ट परिसर स्थित बार भवन में पिछले साल 30 नवंबर को उपेंद्र सिंह की हत्या मामले में जेल में बंद अखिलेश सिंह को पांच दिनों के पुलिस रिमांड पर देने तथा केस को पुन: खोलने की अर्जी को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के लोहरा के कोर्ट ने शनिवार को खारिज कर दिया. सीतारामडेरा पुलिस […]
जमशेदपुर: कोर्ट परिसर स्थित बार भवन में पिछले साल 30 नवंबर को उपेंद्र सिंह की हत्या मामले में जेल में बंद अखिलेश सिंह को पांच दिनों के पुलिस रिमांड पर देने तथा केस को पुन: खोलने की अर्जी को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के लोहरा के कोर्ट ने शनिवार को खारिज कर दिया. सीतारामडेरा पुलिस ने उपेंद्र सिंह हत्याकांड में अखिलेश सिंह के मामले को फिर से खोलने तथा पांच दिनों के पुलिस रिमांड पर देने की अर्जी प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में दी थी.
23 नवंबर को जेल में तीन डॉक्टरों की टीम ने अखिलेश सिंह की एमआरआइ रिपोर्ट अौर पैर की जांच की थी. डॉक्टरों की टीम ने अखिलेश सिंह के 30 दिनों के बेड रेस्ट की सलाह दी है तथा घुटने में प्लास्टर की आवश्यकता बतायी है. ऐसी स्थिति में अखिलेश सिंह को कहीं (पुलिस रिमांड या बाहर) ले जाना उसके पैर अौर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. दूसरी अोर अभियोजन पक्ष से स्पेशल पीपी जय प्रकाश ने सीआरपीसी अौर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि पुलिस की अोर से अग्रतर अनुसंधान शुरू की गयी है, जिसके लिए उसे पुलिस रिमांड पर लेने की जरूरत है, इसलिए पांच दिनों के रिमांड पर दिया जाये. कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनने के बाद पुलिस रिमांड पर देने अौर पुन: केस खोलने की अर्जी को खारिज कर दिया है अौर अर्जी सेशन कोर्ट में देने का निर्देश दिया है.
क्या है नी ब्रेस
नी ब्रेस थ्री प्वाइंट प्रेशर सिद्धांत
पर काम करता है. इसके इस्तेमाल से सारा वजन जांघ से टांगों की पिंडलियों पर पड़ता है. जिससे घुटनों पर शरीर का दबाव नहीं पड़ता और असहनीय दर्द
से छुटकारा मिल जाता है. नी
ब्रेस टेढ़े घुटनों को भी सीधा करता है.
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