सजा सुनाने के बाद महिला ने मानहानि का दावा करते हुए मुकदमा दायर किया था. जानकारी के मुताबिक जोन नंबर सात में रहने वाली दुर्गा कुमारी की सिदगोड़ा रोड नंबर आठ, क्वार्टर नंबर आठ में रहने वाले पवन कुमार खां के साथ नौ जुलाई 08 में शादी हुई थी. शादी के बाद से उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. दुर्गा ने प्रताड़ना मामला दर्ज किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान उसके पति को जमानत मिल गयी. जमानत के दौरान उसे पता चला कि पति ने शादी के कुछ दिनों बाद कोर्ट में अरजी (इंफॉरमेशन पीटिशन) दाखिल कर दी कि उसकी पत्नी (दुर्गा) शादी से पहले तीन माह से गर्भवती है. इसकी जांच एक चिकित्सक से कराने के बाद हुई. इसकी जानकारी पति ने दुर्गा के घरवालों को दी थी, तो दुर्गा के परिवार वाले दो लाख रुपये मांगे. नहीं देने पर मामले में फंसाने की धमकी दी.
अदालत ने उसके पति की इंफॉरमेशन पीटिशन को आधार बनाते हुए जमानत दे दी. अदालत का फैसला आने के बाद दुर्गा कुमारी ने कोर्ट में पति द्वारा दाखिल इंफॉरमेशन पीटिशन को चैलेंज करते हुए मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था. इसमें चिकित्सक ने भी अदालत को गवाही में बताया कि उन्होंने किसी तरह का दुर्गा के तीन माह का गर्भवती होने की रिपोर्ट नहीं दी है. अदालत ने सभी दलीले सुनने के बाद पति की अरजी को गलत करार देते हुए सजा सुनायी.