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बड़कागांव में विस्थापितों और रैयतों के समर्थन में विधायक अंबा प्रसाद, कहा- स्थानीय बेरोजगार और बाहरी मालामाल, ऐसा नहीं चलेगा

Jharkhand news, Hazaribag news : एनटीपीसी व त्रिवेणी सैनिक कंपनी के खिलाफ मुआवजा, नौकरी, विस्थापन तथा प्रदूषण सहित 12 सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे विस्थापित प्रभावित रोजगार अधिकार सत्याग्रह का मंगलवार (7 जुलाई, 2020) को तीसरा दिन है. हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव में रोजगार सत्याग्रह के तीसरे दिन भी कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद का समर्थन मिल रहा है. खुद विधायक अंबा प्रसाद धरनास्थल पर पहुंचकर सत्याग्रहियों का समर्थन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्थानीय बेरोजगार और बाहरी मालामाल ऐसा नहीं चलेगा.

Jharkhand news, Hazaribag news : बड़कागांव (संजय सागर) : एनटीपीसी व त्रिवेणी सैनिक कंपनी के खिलाफ मुआवजा, नौकरी, विस्थापन तथा प्रदूषण सहित 12 सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीणों द्वारा किये जा रहे विस्थापित प्रभावित रोजगार अधिकार सत्याग्रह का मंगलवार (7 जुलाई, 2020) को तीसरा दिन है. हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव में रोजगार सत्याग्रह के तीसरे दिन भी कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद का समर्थन मिल रहा है. खुद विधायक अंबा प्रसाद धरनास्थल पर पहुंचकर सत्याग्रहियों का समर्थन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्थानीय बेरोजगार और बाहरी मालामाल ऐसा नहीं चलेगा.

कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि जब तक विस्थापितों, प्रभावितों को रोजगार, उनके हक और मांग के अनुरूप मुआवजा, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू नहीं किया जाता, जंगल- जमीन का पट्टा नहीं दिया जाता, तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा. आपको बता दें कि विस्थापितों एवं प्रभावितों को मुआवजे में न्याय, नौकरी और अन्य अधिकारों के समर्थन में विस्थापित प्रभावित रोजगार अधिकार सत्याग्रह किया जा रहा है.

ग्रामीणों की क्या है मांग

रोजगार अधिकार सत्याग्रह कर रहे विस्थापितों और भूरैयतों की मांग है कि एनटीपीसी और त्रिवेणी सैनिक कंपनी क्षेत्र के विस्थापितों के हक और मांग के आधार पर मुआवजा तय कर भुगतान करे. इसके अलावा भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का विस्थापितों और प्रभावितों के पक्ष में पालन करने, विस्थापित तथा प्रभावित परिवारों के प्रत्येक 18 वर्ष के ऊपर के सदस्यों को एकल परिवार की मान्यता तथा प्रत्येक परिवार से कम से कम 1 व्यक्ति को कंपनी में रोजगार देने, ग्रामसभा के माध्यम से जंगल- जमीन का पट्टा तथा रैयती का मान्यता देते हुए गैरमजरूआ जमीन का भी मुआवजा भुगतान करने, कोयला ढोने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाते हुए ट्रांसपोर्टिंग के लिए ट्रांसपोर्टिंग सड़क का निर्माण कर कोयला ढुलाई करने की मांग मुख्य है.

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ग्रामीणों ने कंपनी में पूर्व से लगे बाहरी कर्मचारियों को निकाल कर बड़कागांव के स्थानीय लोगों को रोजगार में रखने की मांग की है. इसके अलावा सीएसआर मद से बड़कागांव में कम से कम एक आधुनिक सुविधायुक्त 150 शैया वाले अस्पताल तथा आधुनिक शिक्षण के लिए स्कूल तथा महाविद्यालय का निर्माण करने, जब तक प्रभावितों को विस्थापित नहीं किया जाता है तब तक खनन का कार्य बंद रखने, कोयला ढुलाई से लेकर अन्य सभी तरह के निर्माण कार्यों का कार्य स्थानीय लोगों को देने, कंपनी द्वारा अधिकृत क्षेत्र में यदि किसी की दुर्घटना में मृत्यु होती है तो उसके पूरे परिवार को रोजगार तथा उसके बच्चों को शिक्षा का सारा खर्च कंपनी को देने, पूर्व में किये गये सभी तरह का मुआवजा भुगतान नये दर से करने, पूर्व में किये गये सभी फर्जी ग्रामसभा को रद्द कर दोबारा ग्रामसभा करा कर खनन का कार्य करने पर जोर दिया है.

रोजगार अधिकार सत्याग्रह पर बैठे लोगों ने सभी मांगोंं पर सहमति के लिए स्थानीय विधायक सहित ग्रामीणों, जिला प्रशासन तथा कंपनी के साथ त्रिपक्षीय सफल वार्ता होने तक सभी तरह के कंपनी के खनन, प्रेषण, परिवहन तथा निर्माण कार्य नहीं करने की मांग की है.

मालूम हो कि बड़कागांव की वर्तमान कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद अपने माता-पिता की राह पर चल पड़ी है. पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और माता पूर्व विधायक निर्मला देवी भी बड़कागांव के विस्थापितों के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभायी थी. अब उनकी पुत्री सह वर्तमान कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद विस्थापितों और भूरैयतों की हक के लिए आंदोलन तेज की है.

Posted By : Samir ranjan.

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