Giridih News :सदर अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रही सीटी स्कैन की सुविधा
Giridih News :गिरिडीह सदर अस्पताल प्रशासन भले ही सभी सुविधा उपलब्ध रहने का दावा करता है, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही देखने को मिल रही है. बाहर से भले ही अस्पताल देखने में अच्छा लगता हो, लेकिन अंदर जाने के बाद अस्पताल की व्यवस्था की पोल खुल जाती है. सदर अस्पताल में प्रतिदिन सिविल सर्जन से लेकर प्रशासनिक व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का आनाजाना लगा रहता है, लेकिन जिले का सबसे बड़े सरकारी अस्पताल होने के बावजूद यहां मरीजों के लिए सिटी स्कैन करवाने की कोई सुविधा नहीं है.
परेशान रहते हैं मरीज के परिजन, निजी सेंटरों पर करना पड़ता है अधिक खर्च
गिरिडीह सदर अस्पताल प्रशासन भले ही सभी सुविधा उपलब्ध रहने का दावा करता है, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही देखने को मिल रही है. बाहर से भले ही अस्पताल देखने में अच्छा लगता हो, लेकिन अंदर जाने के बाद अस्पताल की व्यवस्था की पोल खुल जाती है. सदर अस्पताल में प्रतिदिन सिविल सर्जन से लेकर प्रशासनिक व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का आनाजाना लगा रहता है, लेकिन जिले का सबसे बड़े सरकारी अस्पताल होने के बावजूद यहां मरीजों के लिए सिटी स्कैन करवाने की कोई सुविधा नहीं है. इस कारण मरीजों को प्राइवेट सेंटरों मे जाकर सीटी स्कैन करवाना पड़ता है. बता दें कि सदर अस्पताल में पूरे जिले के दूर दराज के गांवों से मरीज अपना इलाज करवाने पहुंचते है. उन्हें लगता है कि सदर अस्पताल में उनका इलाज तो मुफ्त होगा ही, साथ ही कई तरह की जांच करने के पैसे भी कम लगेंगे. अस्पताल पहुंचने वाले अधिकतर मरीज मध्यम व गरीब वर्ग के होते हैं. उनका इलाज तो अस्पताल में हो जाता है लेकिन उन्हें सीटी स्कैन करवाने के लिए निजी सेंटर पर जाना पड़ता है.निजी सेंटरों में सीटी स्कैन करवाने के लगते है तीन हजार रुपये
सदर अस्पताल में सीटी स्कैन की व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को बाहर से सीटी स्कैन करवाना पड़ता है. बाहर में सीटी स्कैन कराने के लिए उन्हें करीब तीन हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं, कई मरीज इतने पैसे देने में सक्षम नहीं होते हैं, जिसकी वजह से वे अपना सीटी स्कैन नहीं करवा पाते हैं. इसके कारण उनका इलाज सही ढंग से नहीं हो पाता है. कभी-कभी तो मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाता है. बाद में उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.अस्पताल के आसपास घूमते रहते हैं दलाल
सदर अस्पताल के अंदर व अस्पताल के आसपास निजी सीटी स्कैन सेंटरों के दलाल घूमते रहते हैं. दलाल अस्पताल में आने वाले मरीजों पर नजर रखते हैं. जैसे ही अस्पताल में कोई ऐसा मरीज आता है, जिसके माथे में चोट लगी रहती है, तो वह उसके पीछे पड़ जाते हैं. अस्पताल में करीब तीन-चार निजी सेंटरों के दलाल घूमते है. दलाल मरीजों को उन्हें अपने सेंटर में ले जाने में लगे रहते हैं. इसके बदले उन्हें निजी सीटी स्कैन सेंटर से कमीशन या सैलरी दी जाती है. इतना ही नहीं दलालों ने अस्पताल में कई स्वास्थ्य कर्मियों से भी सेटिंग कर रखी है. डॉक्टर के देखने के बाद यदि मरीज दवा के अलावा सीटी स्कैन लिखा जाता है, तो कर्मी इसका फोटो लेकर दलालों को भेजते हैं. इसके बदले उन्हें भी कमीशन दिया जाता है.बोले सिविल सर्जन : जल्द शुरू होगी सुविधा
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ शिवप्रसाद मिश्रा ने बताया कि सदर अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा बहुत जल्द शुरू की जायेगी. मशीन मंगवायी जा रही है. मशीन आते ही, स्कैन की सेवा शुरू की जायेगी. निजी सेंटरों के एजेंट के अस्पताल में घूमने की जांच की जायेगी. यदि बात सही निकली, तो उनके अस्पताल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
