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हाथियों ने ग्राशिस के अध्यक्ष को मार डाला
पांच घंटे तक सदर प्रखंड के सलैयापहरी में उत्पात मचाता रहा गजराजों का झुंड घरों में की तोड़-फोड़, खा गये अनाज, फसलों को किया नष्ट बराकर नदी पार कर पीरटांड़ प्रखंड में जा घुसा झुंड गिरिडीह : एक महीने से गिरिडीह जिले में जमे हाथियों के झुंड ने बुधवार की रात को न सिर्फ उत्पात […]
पांच घंटे तक सदर प्रखंड के सलैयापहरी में उत्पात मचाता रहा गजराजों का झुंड
घरों में की तोड़-फोड़, खा गये अनाज, फसलों को किया नष्ट
बराकर नदी पार कर पीरटांड़ प्रखंड में जा घुसा झुंड
गिरिडीह : एक महीने से गिरिडीह जिले में जमे हाथियों के झुंड ने बुधवार की रात को न सिर्फ उत्पात मचाया, बल्कि सदर प्रखंड के सलैयापहरी में भी एक ग्रामीण की जान भी ले ली. यहां के रीतलाल दास(48) को घेर कर जमीन में पटक-पटक कर पैरों से कुचल दिया. रीतलाल मध्य विद्यालय बेरदोंगा के ग्राम शिक्षा समिति अध्यक्ष थे. बुधवार की रात लगभग नौ बजे हाथियों का झुंड बदगुंदा खुर्द होते हुए सलैयापहरी पहुंचा. पहुंचते ही झुंड ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया.
कई घरों में तोड़-फोड़ के अलावा घरों और खलिहान में रखे धान-चावल को खाने के बाद आलू की फसल को भी रौंद डाला. इधर झुंड के पहुंचते ही लगभग 75 घर के इस गांव में कोहराम मच गया.
लोग इधर-उधर भागने लगे. कोई घर के अंदर जा छिपा तो कई लोग परिवार के साथ बगल के पालमो गांव जा पहुंचे. इस दौरान गांव के ग्रामीणों ने हाथियों को खदेड़ने का प्रयास किया. जगह-जगह आग लगायी गयी, पटाखे फोड़े गये, लेकिन हाथी उत्पात मचाते रहे. हाथियों को भगाने के लिए ग्रामीण जगह-जगह जुटे थे, इसी दौरान रात लगभग एक बजे हाथियों के झुंड के बीच रीतलाल दास जा फंसा और उसकी जान चली गयी. हाथियों का रौद्र रूप देखकर भगदड़ मच गयी. लगभग पांच घंटे तक गांव में डटे रहे. उत्पात मचाने के बाद हाथियों का झुंड बराकर नदी पार कर पीरटांड़ प्रखंड में जा घुसा. हाथियों के उत्पात की सूचना पर पूर्व मुखिया धनश्याम कोल, मुखिया प्रतिनिधि बिरका हांसदा भी रात में ही पहुंचे और मामले की जानकारी वन विभाग के पदाधिकारियों को दी.
पलंग के नीचे छिपा रहा परिवार, हाथी खाते रहे अनाज
हाथियों के उत्पात के दौरान कारू दास के परिवार ने कमरे के अंदर के पलंग के नीचे छिपकर जान बचायी. कारू ने बताया कि बुधवार की रात को हाथियों ने उसकी चहारदीवारी तोड़ दी और घर के आंगन में घुस आये. इसपर वह अपनी पत्नी संगीता देवी व पुत्र अजय कुमार के साथ पलंग के नीचे जा छिपा. इस दौरान एक हाथी उसके कमरे की दीवार को तोड़ दिया अौर अनाज खा गये. कारू ने बताया कि लगभग तीन घंटे तक वह पलंग के नीचे छिपा रहा. वहीं लाटो दास भी अपने मां के साथ कमरे में छिप कर अपनी जान बचायी. लाटो ने बताया कि हाथी उसके घर के आंगन में आ गया और धान को खा गये.
चापाकल को उखाड़ डाला
हाथियों के झुंड ने गांव में फसलों को चट करने के साथ कई पेड़ की डालियों को भी तोड़ डाला. ग्रामीणों ने बताया कि हाथी 18 की संख्या में थे, जिसमें दो बच्चा भी था. हाथी का बच्चा भी पेड़ की डाली को तोड़ रहा था. इस दौरान झुंड ने गांव के एक मात्र चापाकल को भी उखाड़ दिया.
इन्हें पहुंचाया नुकसान
पांच घंटे के दौरान हाथियों ने रीतलाल दास, कारू दास, लाटो दास, मदन दास, हरिशंकर दास, युगल किशोर यादव, खुबलाल दास के घरों की दीवार को ताेड़ डाला. कारू दास के घर में रखा 50 मन धान, चावल, पांच क्विंटल आलू, लाटो दास के घर से 30 मन धान, चावल, आलू, मदन दास के घर से 20 मन धान, युगल किशोर यादव के खलिहान में रखा 70 मन धान, खुबलाल दास के आलू की फसल को भी चट कर गये.
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