गिरिडीह : मनरेगा में प्रति मजदूर निर्धारित मानव दिवस सृजन करने में जिले के 13 प्रखंडों में पांच प्रखंड फिसड्डी है. इसमें बगोदर, धनवार, सरिया, देवरी व पीरटांड़ शामिल है. जिला प्रशासन की ओर से लगातार दबाव बनाये जाने के बाद भी इन प्रखंडों के अधिकारी और मुखिया इसमें रुचि नहीं दिखाये. बताया जाता है कि मनरेगा के तहत प्रति जॉब कार्डधारी मजदूरों को वर्ष में 100 दिन काम दिया जाना है.
इसके लिए मजदूरों द्वारा काम की मांग करने के 15 दिनों के अंदर उन्हें काम देकर उसकी मजदूरी का भुगतान भी हर हाल में 15 दिनों में कर दिया जाना है. इस व्यवस्था को धरातल पर उतारने के लिए उप विकास आयुक्त के नेतृत्व में प्रत्येक सप्ताह में प्रखंडों के मनरेगा प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारियों, कनीय व सहायक अभियंताओं तथा कर्मियों की बैठक कर इसकी समीक्षा होती रही है.
इसके अलावा मुखिया, ग्राम रोजगार सेवक और पंचायत सचिव पर दबाव भी बनाया जाता रहा, लेकिन अधिकारी व मनरेगाकर्मियों की उदासीनता के कारण मानव सृजन में जिले के पांच प्रखंड फिसड्डी रहे. इसका खामियाजा प्रखंड के मजदूरों को भुगतना पड़ा. रोजगार नहीं मिलने से मजदूर पलायन को विवश है.