गिरिडीह : असैनिक कार्य के तहत जिले के विभिन्न प्रखंडों में बने स्कूल बिल्डिंग में रॉयल्टी के नाम पर करीब तीन दर्जन शिक्षकों की पेंशन व सरकारी पावना का मामला अधर में है. झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव तेज नारायण महथा ने दावा किया कि पूरे जिले में करीब तीन दर्जन ऐसे शिक्षक हैं जिनके द्वारा बनाये गये स्कूल बिल्डिंग में रॉयल्टी नहीं देने के कारण उनका पेंशन व सरकारी पावना मामले का निष्पादन नहीं हो सका है.
श्री महथा ने कहा कि सुग्गासार मध्य विद्यालय से प्रभारी प्रधानाध्यापक घनश्याम रविदास वर्ष 2012 में अवकाश ग्रहण कर चुके हैं. वर्ष 2013 में लेदा मध्य विद्यालय से गणोश महतो, इसी वर्ष बिरनी के मरगोड्डा मध्य विद्यालय से झारखंडी मिस्त्री, पिपराडीह उमवि से शोभानाथ विश्वकर्मा, तुलाडीह उमवि से प्रदीप कुमार सिंह, बिरनी के धरकी उमवि से अर्जुन राम, देवरी के मनिकबाद मध्य विद्यालय से परशुराम राय, देवरी के महारायडीह उमवि से अब्दुल रसीद अंसारी व सदर प्रखंड के भोरंडिहा उमवि से रीतलाल राम अवकाश ग्रहण कर चुके हैं. ऐसे शिक्षकों का पेंशन महालेखाकार कार्यालय रांची से पारित होकर डीएसइ कार्यालय में आ चुका है. लेकिन रॉयल्टी के नाम पर इनके पेंशन व सेवा उपादान का मामला अधर में है.
क्या है रॉयल्टी का नियम : एसएसए के असैनिक कार्य के तहत विभिन्न चरणों में बनाये गये दो कक्षीय स्कूल भवन में विभाग की ओर से 16500 की राशि रॉयल्टी के नाम पर फिक्सड की गयी है. भवन निर्माण कार्य से जुड़े शिक्षकों को रॉयल्टी के रूप में उक्त राशि को सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में जमा करना है. सर्व शिक्षा अभियान द्वारा एनओसी दिये जाने के बाद ही शिक्षकों का पेंशन व पावना भुगतान देय है.