गढ़वा के ब्रजेश तिवारी झारखंड के किसानों को देंगे कमाई बढ़ाने के टिप्स

Brajesh Tiwari DialogueNext: झारखंड के गढ़वा जिले के किसान ब्रजेश तिवारी ने देश की राजधानी नयी दिल्ली में आयोजित डियलॉगनेक्स्ट में भाग लिया. उन्होंने बताया कि 2 दिवसीय कार्यक्रम में 40 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस दौरान लोगों को बताया गया कि किसानों की कमाई कैसे बढ़ेगी. अब वह झारखंड के किसानों को कमाई बढ़ाने के टिप्स देंगे.

By Mithilesh Jha | September 10, 2025 8:48 PM

Brajesh Tiwari DialogueNext| गढ़वा, जितेंद्र सिंह : गढ़वा जिले के करूआ कला निवासी प्रगतिशील किसान ब्रजेश तिवारी ने राजधानी दिल्ली में विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन, अंतरराष्ट्रीय मक्का व गेहूं सुधार केंद्र द्वारा आयोजित 2 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला डायलॉगनेक्स्ट में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर जिले का नाम रोशन किया है. कार्यशाला 8 और 9 सितंबर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित हुई.

भारतीय कृषिअनुसंधान परिषद ने की थी बैठक की मेजबानी

इस उच्चस्तरीय सम्मेलन की मेजबानी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने की थी. कार्यशाला में अमेरिका, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल सहित कई देशों से आये कुल 40 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. ब्रजेश तिवारी ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कृषि विज्ञान और विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा करना था.

  • डायलॉगनेक्सट में गढ़वा के ब्रेजश ने किया झारखंड का प्रतिनिधित्व, अब किसानों को देंगे नयी दिशा
  • देश की राजधानी दिल्ली में हुआ था 2 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला ‘डायलॉगनेक्स्ट’ का आयोजन
  • दिल्ली में आयोजित डायलॉरनेक्सट में 40 देशों के प्रतिनिधियों ने लिया कार्यशाला में भाग

Brajesh Tiwari DialogueNext में इन विषयों पर हुई चर्चा

इसमें किसान-केंद्रित नवाचार, सतत कृषि पद्धतियां, जलवायु परिवर्तन से निपटने की रणनीतियां और खाद्य सुरक्षा जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ. साथ ही मक्का और गेहूं की उन्नत किस्मों के विकास, फसल रोगों की रोकथाम और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया.

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नयी तकनीक अपनाने से बढ़ेगी किसानों की आय

कार्यशाला से लौटने के बाद ब्रजेश तिवारी ने कहा कि वे अब जिले के किसानों से अपने अनुभव को साझा करेंगे. उन्होंने बताया कि किसान यदि नयी तकनीक और उन्नत किस्मों को अपनायें, तो उत्पादन बढ़ेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी. साथ ही जलवायु परिवर्तन से पैदा हो रही चुनौतियों का भी समाधान हो सकेगा.

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