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विशुनपुरावासियों के सूख रहे हैं हलक

विशुनपुरा (गढ़वा) : विशुनपुरा प्रखंड के हजारों की आबादी को पेयजल एवं दैनिक उपयोग के लिए पानी उपलब्ध करानेवाली बांकी नदी फरवरी माह से ही सूखी हुई है. इस नदी के सूखने के बाद से ग्रामीण पूरी तरह से सरकारी व्यवस्था पर निर्भर हो गये हैं. लेकिन जैसे-जैसे यहां तापमान में वृद्धि हो रही है, […]

विशुनपुरा (गढ़वा) : विशुनपुरा प्रखंड के हजारों की आबादी को पेयजल एवं दैनिक उपयोग के लिए पानी उपलब्ध करानेवाली बांकी नदी फरवरी माह से ही सूखी हुई है. इस नदी के सूखने के बाद से ग्रामीण पूरी तरह से सरकारी व्यवस्था पर निर्भर हो गये हैं. लेकिन जैसे-जैसे यहां तापमान में वृद्धि हो रही है, वैसे-वैसे सूखे चापाकलों एवं कुओं की संख्या बढ़ रही है. विशुनपुरा प्रखंड के देवगुरूआ, सारो, ओडेया, बटउआ, सरांग, जतपुरा, चितरी, पतागाड़ा कला, पतागड़ा खुर्द, चिरैयाटांड़, अमहरटांड़ी, सोनडीहा एवं विशुनपुरा में पानी की घोर समस्या उत्पन्न हो गयी है. यहां सैकड़ों चापाकल ऐसे हैं, जो पानी देना बंद कर दिये हैं. जो चापाकल पानी दे रहे हैं, उन पर पानी के लिए सुबह से ही लोगों की भीड़ लग रही है.
300 की आबादी पर मात्र एक चापाकल
पतागड़ा कला एवं खुर्द नरही टोला के ग्रामीण कमरूद्दीन अंसारी, शौकत अंसारी, महावीर साव, रामकिशुन साव, अयोध्या यादव, नरेश राउत, उपेंद्र साव, रामजी यादव, अशोक साव, गोपाल यादव आदि ने बताया कि उनके टोले की जनसंख्या 300 है, लेकिन यहां मात्र एक चापाकल ही है.
सुबह से ही पानी के लिए चापाकल पर भीड़ लग रही है. कभी-कभी इकलौता चापाकल भी पानी देना बंद कर दे रहा है. जिन घरों में बोर किया गया है, उनके बोर भी सूख गये हैं. इसकी जानकारी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि को दी गयी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
संतोष गुप्ता ने बताया कि पोखर व आहर सूखने से पालतू पशुओं के अलावा पशु-पक्षियों के लिये पानी का घोर अभाव हो गया है. कुछ लोग हाट बाजारों में मवेशी को बेचना शुरू कर दिये हैं. यहां पशुओं के लिए चारा भी मुश्किल से मिल रहा है. उन्होंने बताया कि जनवरी 2016 में नगरऊंटारी अनुमंडल में आयोजित जनता दरबार में पेयजल समस्या को उठाया गया था, जिसमें खराब चापाकलों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन स्थिति में बहुत बदलाव नहीं हो सका है.
चापाकलों की मरम्मत होगी : एसडीओ
इस संबंध में नगरऊंटारी एसडीओ राजेश कुमार साह ने कहा कि जहां चापाकल खराब हैं, उसकी मरम्मत करायी जायेगी. विशुनपुरा जिला परिषद सदस्य नसीबा बीबी ने कहा कि पानी समस्या को लेकर मार्च महीने में ही उन्होंने डीसी को आवेदन दिया है. अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. विशुनपुरा प्रखंड की मुखिया नीलम देवी ने कहा कि पंचायत के लिए आठ लाख रुपया उपलब्ध कराये गये थे, जिससे कई चापाकल लगाये जा चुके हैं. राशि आने के बाद आगे भी चापाकल लगाया जायेगा.

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