पानी की कमी से रिहंद पावर प्लांट में उत्पादन हुआ कम
25 मेगावाट की जगह मात्र 10 मेगावाट बिजली की हो रही है आपूर्ति
गढ़वा : गढ़वा जिले में एक बार फिर से कुछ दिनों के लिए बिजली संकट उत्पन्न होनेवाला है़ गुरुवार की अहले सुबह 4.25 मिनट पर रिहंद (यूपी) से आनेवाली बिजली में भारी कटौती किये जाने की वजह से गढ़वा जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कम घंटे ही मिल पायेगी़ रिहंद से बी मोड़ ग्रिड के माध्यम से गढ़वा जिले को 25 मेगावाट बिजली मिलती है़, जो गुरुवार की सुबह से 10 मेगावाट कर दी गयी है.
बताया गया कि रिहंद पावर प्लांट में पानी की कमी हो जाने की वजह से बिजली का उत्पादन कम हो गया है़ इस वजह से गढ़वा को भी कम बिजली की आपूर्ति की जायेगी़ इसके अलावा एबीसीआइएल रेहला पलामू की ओर से भी जो सामान्य दिनों में 10 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती थी, वह भी फिलहाल बंद कर दी गयी है.
एबीसीआइएल की ओर से भी यही कहा गया है कि पानी की वजह से उनका उत्पादन कम हो गया है, इसलिए वे बीमोड़ ग्रिड को बिजली की आपूर्ति नहीं कर पायेंगे़ बीमोड़ ग्रिड को सोननगर (बिहार) से भी करीब 25 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जाती है़, लेकिन यह पूरी बिजली रेलवे को उपलब्ध करा दी जाती है़ ऐसी स्थिति में वर्तमान समय में गढ़वा को 10 मेगावाट बिजली से ज्यादा मिलनेवाली नहीं है.
वैकल्पिक व्यवस्था का प्रयास किया जा रहा है : अधीक्षण अभियंता :
बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता धनंजय कुमार ने बताया कि रिहंद व एबीसीआइएल को मिलाकर गढ़वा जिले को 35 मेगावाट (25 एवं 10 मेगावाट) बिजली मिला करती है़ इससे यहां के लोगों को क्रमवार तरीके से संतोषजनक बिजली उपलब्ध करायी जाती थी, लेकिन भीषण गर्मी की वजह से उत्पादन क्षेत्र में पानी की कमी हो गयी है़ इस वजह से बिजली का उत्पादन कम हो गया है.
उन्होंने बताया कि अभी गढ़वा को मात्र 10 मेगावाट बिजली मिल रही है़ इसी से पूरे गढ़वा के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों को थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद बिजली उपलब्ध करायी जा रही है़ इस समस्या से उन्होंने अपने वरीय पदाधिकारियों को सूचित कर दिया है़ वहां से वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में लखनऊ आदि से बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है़ लेकिन जब तक यह व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक बिजली पुराने सिड्यूल के अनुसार देना संभव नहीं हो सकेगा.