East Singhbhum News : जून में रिकॉर्ड बारिश, जलस्तर 81.4 मीटर तक पहुंचा; खतरे की सीमा 86.835 मीटर
फूलडुंगरी में दुकानों में घुसा दो फीट पानी, बीज भंडार समेत कई दुकानों को क्षति
घाटशिला. तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इसे देखते हुए घाटशिला अनुमंडल क्षेत्र में हाइअलर्ट जारी कर दिया गया है. गुरुवार की दोपहर 12:45 बजे नदी का जलस्तर 81.4 मीटर पर था, जो सामान्य से काफी अधिक है. केंद्रीय जल आयोग गोपालपुर (सूर्य मंदिर के निकट) स्थित कार्यालय में कनीय अभियंता हर्षित सोनी ने बताया कि वर्ष 2024 के मुकाबले 2025 के जून में अबतक सबसे अधिक बारिश दर्ज की गयी है. इसके चलते जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. कहा कि अगर जलस्तर 86.835 मीटर तक पहुंचता है, तो इसे अत्यधिक खतरे का स्तर (हाइअलर्ट) माना जायेगा. गालूडीह बराज से भी पानी छोड़ा गया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है.
प्रशासन सतर्क, तटीय इलाकों में अलर्ट:
घाटशिला एसडीओ सुनील चंद्र ने बताया कि बीते तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश को देखते हुए गालूडीह से लेकर बहरागोड़ा तक सुवर्णरेखा नदी के तटीय गांवों में अलर्ट जारी किया गया है. कहा कि नदी तट पर बसे लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. अनुमंडल क्षेत्र के सभी बीडीओ, सीओ और थाना प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नजर बनाये रखें और किसी भी आपातस्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें.दुकानों में भरा पानी, घरों से निकलना मुश्किल:
गुरुवार को फूलडुंगरी चौक स्थित दर्जनभर दुकानों में दो फीट से अधिक पानी भर गया, जिससे शंकर बीज भंडार समेत कई दुकानों को भारी नुकसान हुआ है. धान बीज के सैकड़ों बोरे पानी में डूब गये. दुकानदारों ने इसका जिम्मेदार सड़क की ऊंचाई और जल निकासी बंद होने को ठहराया है. प्रेम नगर गांव में सड़कों और खेतों में पानी भर जाने से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. धरमबहाल, फूलडुंगरी और पावड़ा गांवों में बुधवार शाम से बिजली आपूर्ति ठप है. कॉलेज रोड स्थित 200 केवी ट्रांसफार्मर जलने के बाद भी विभाग द्वारा कोई पहल नहीं की गयी, जिससे पीने के पानी की भी समस्या उत्पन्न हो गयी है. वहीं, सुवर्णरेखा नदी के जलस्तर में गुरुवार सुबह अचानक वृद्धि होने के बाद प्रशासन ने सुनील नगर, अमाईनगर सहित तटीय इलाकों के लोगों को सतर्क रहने का निर्देश दिया.बारिश में ढह गया आवास, बाल-बाल बचे पति-पत्नी
धालभूमगढ़ में गुरुवार सुबह तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण पावड़ा-नरसिंहगढ़ के कालिंदी बस्ती में सुकुमारी कालिंदी के दीनदयाल आवास की छत ढह गयी. हादसे के समय सुकुमारी और उनके पति उस बेड से कुछ देर पहले ही उठकर बाहर निकले थे, जिस पर छत का बड़ा हिस्सा गिरा. मलबे से पलंग टूट गया और पूरे कमरे में प्लास्टर बिखर गया. छत और दीवार के बीच दरार, घर में डर के साये में रह रहे लोग: बारिश के कारण छत और दीवार के बीच बड़ी दरारें साफ नजर आने लगी हैं. सुकुमारी कालिंदी ने बताया कि उन्हें यह आवास लगभग 15 वर्ष पूर्व दीनदयाल योजना के तहत मिला था, जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है. उन्होंने कहा, अब इस घर में रहना खतरे से खाली नहीं है, कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.अबुआ आवास स्वीकृत, लेकिन पहली किस्त के लिए भटक रही महिला:
सुकुमारी कालिंदी का नाम सरकार की अबुआ आवास योजना में शामिल है, लेकिन पहली किस्त की राशि अब तक नहीं मिल पायी है. उन्हें बैंक और प्रखंड कार्यालय के लगातार चक्कर काटने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, अगर हमें समय पर पहली किस्त मिल जाती, तो हम नया घर बनाना शुरू कर देते. अब हम प्लास्टिक की छत के नीचे रह रहे हैं.कालिंदी बस्ती में अधिकतर आवास जर्जर, गरीब नहीं कर पा रहे मरम्मत:
कालिंदी बस्ती में अधिकतर घर इंदिरा और दीनदयाल योजना के तहत बने हैं, जो अब जर्जर हो चुके हैं. आर्थिक तंगी के कारण लोग इनकी मरम्मत भी नहीं कर पा रहे हैं. कई बार प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.झामुमो पंचायत अध्यक्ष ने पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया:
घटना की जानकारी मिलने पर पंसस सह झामुमो पंचायत अध्यक्ष प्रदीप कुमार राय मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि सुकुमारी कालिंदी के नाम पर अबुआ आवास की पहली किस्त स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन राशि खाते में नहीं पहुंचने का कारण न तो बैंक बता पा रहा है और न ही प्रखंड कार्यालय.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
