गालूडीह : श्रीश्री रवि शंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग (व्यक्ति विकास केंद्र) के सौजन्य से जीरो बजट पर खेती करने का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का बुधवार को समापन होगा गया. घाटशिला प्रखंड के तीन गांव हेंदलजुड़ी, कालचिती और चाकदोहा में जैविक खाद से खेती को बढ़ावा देने की पहल की गयी है.
इसके तहत तीनों गांवों में 11 से 13 अगस्त तक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. आर्ट ऑफ लिविंग के बेंगलुरू से आये प्रशिक्षक संदीप पवार ने किसानों को नि:शुल्क खेती करने के गुर बताये.
उन्होंने बताया कि ऊंची कीमत देकर रसायनिक खाद खरीदने के बजाय किसान अपने घर में बैठे बिना कोई मूल्य के मिलने वाले गोबर, गो मूत्र, चूना, मिट्टी और पानी मिल कर गोल बनाये और उसे फिर छान कर खेत में खाद के रूप में डालें, तो इससे बेहतर खेती होगी.
उन्होंने इस विधि से खेती करने पर 90 प्रतिशत उपज की गारंटी है. उन्होंने कहा कि पौधों को कीड़ों से बचाने के लिए कीमती दवा के प्रयोग के बजाय नीम, धतूरा, पुटूश, बेगुना, अमोरी, जामुन के पत्ते को कूट कर पानी मिला कर घोल बना कर और उसे गर्म कर ठंडा करने के बाद पौधों में स्प्रे करने से कीड़े मर जायेंगे.
उक्त दवा सब्जी और धान में प्रयोग किये जा सकते हैं. प्रशिक्षण में आर्ट ऑफ लिविंग के ट्राइवल वेलफेयर प्रोजेक्ट के निदेशक बीबी चावला, एनएन तिवारी, कुमारण नायर, अरिंद्रम घोष, माणिक गोप, अशोक बनर्जी समेत 350 किसान उपस्थित थे.