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ब्रेन मलेरिया के लिए इंजेक्शन नहीं
दुमका : उपराजधानी दुमका के सदर अस्पताल की स्थिति सुधरती नहीं दिख रही है. एक की स्थिति सुधारी जाती है, तो दूसरी खामियां सामने आने लगती है. डीसी राहुल कुमार सिन्हा के फटकार के बाद भी दवाइयों के स्टॉक पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यही वजह है कि मरीजों को अब भी […]
दुमका : उपराजधानी दुमका के सदर अस्पताल की स्थिति सुधरती नहीं दिख रही है. एक की स्थिति सुधारी जाती है, तो दूसरी खामियां सामने आने लगती है. डीसी राहुल कुमार सिन्हा के फटकार के बाद भी दवाइयों के स्टॉक पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यही वजह है कि मरीजों को अब भी बाहर से ही दवा खरीदनी पड़ रही है.
चिकित्सक द्वारा पुरजे पर ‘वेरी वेरी सिरियस’ लिखे जाने पर भी मरीज को आपात स्थिति में अस्पताल प्रबंधन दवा उपलब्ध नहीं करा पाता. सदर अस्पताल में प्रभात खबर की टीम ने जब ब्रेन मलेरिया के मरीजों के चल रहे ईलाज की पड़ताल की, तब पाया कि इन मरीजों को स्लाइन तो अस्पताल प्रशासन उपलब्ध करा रहा है, लेकिन जो इंजेक्शन इस बीमारी के लिए सबसे कारगर माना जाता है, वह उन्हें बाजार से ही खरीदना पड़ रहा है. एक इंजेक्शन की कीमत 232 रुपये है.
छोटे बच्चों को इस इंजेक्शन के कम से कम तीन और बड़ों को छह इंजेक्शन दिया जाता है. इन दोनों ही मरीजों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. बावजूद इनके परिजनों को सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा है.
पचास इंजेक्शन की करा देंगे व्यवस्था : डीएमओ
जानकारी दिये जाने पर जिला मलेरिया पदाधिकारी ने कहा कि उन्हें भी जानकारी मिली है कि लैरीनेट के इंजेक्शन सदर अस्पताल में समाप्त हो गया है. हालांकि इसकी खरीद अस्पताल प्रबंधन समिति के जरिये सीएस को कराना है. हम अपने स्तर से पचास इंजेक्शन की खरीद करवा रहे हैं. सदर अस्पताल के मरीज के लिए इसे हम उपलब्ध करायेंगे.
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