दुमका : दुमका जिले के सदर प्रखंड के बड़तल्ली, पताईथान, गांदो एवं गुजीसिमल जैसे इलाके के रहने वाले 37 मजदूर इन दिनों उत्तराखंड के चमोली जिले के पीपलखोटी प्रखंड में फंसे हुए हैं. ये सभी मजदूर जनवरी महीने में वहां काम करने के लिए एक कंस्ट्रक्शन कंपनी एचसीसी में गये हुए थे. यह कंपनी पहाड़ों को काटकर रास्ता व सुरंग बनाने का काम कर रही है. लॉकडाउन के बाद से प्रोजेक्ट पर काम बंद है और मजदूरों का वेतन भी नहीं दिया जा रहा है. मजदूरों ने प्रभात खबर से बातचीत में बताया कि उनलोगों ने कंट्रोल रूम और सरकार द्वारा जारी किये गये नंबर पर कई बार संपर्क साधा, लेकिन नोडल पदाधिकारी फोन रिसिव नहीं कर रहे हैं. लिहाजा अभी तक किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिली है.
साइमन टुडू सरीखे मजदूरों ने बताया कि न काम हो रहा और न वेतन मिल रहा, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गयी है. लॉकडाउन में वे भी अपने गांव- घर लौटना चाह रहे हैं. कंपनी के लोग अप्रैल और अब मई का वेतन तो नहीं ही देना चाह रहे, मार्च में जो काम हुआ, उसका भी वेतन नहीं दिया जा रहा. लिहाजा पैसे के अभाव में वे लोग अपने स्तर से दुमका आने का प्रयास भी नहीं कर पा रहे हैं.
वीडियो जारी कर मजदूरों ने लगायी गुहार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम वीडियो जारी कर इन मजदूरों ने सभी को दुमका लाने की व्यवस्था कराने की गुहार लगायी है. मुख्यमंत्री से कहा है कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए उन्होंने जिस अधिकारी को जिम्मा दिया है, वे फोन रिसिव नहीं कर रहें हैं और न ही कोई रिस्पांस नहीं कर रहे हैं.
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जिन मजदूरों ने घर वापसी की गुहार लगायी है उसमें काली मांझी, जोसेफ मुर्मू, चरकू राय, मिकाईल हेंब्रम, स्टीफन हेंब्रम, बाबुजी टुडू, मनोज हेंब्रम, सुलेमान सोरेन, बादल मरांडी, बाबुधन सोरेन, रामेश्वर मुर्मू, सोनाराम हेंब्रम, माइकल हेंब्रम, सुकमान हेब्रम, विलियम मरांडी, सुशील मरांडी, जर्नाधन रजवार, मंटू मरांडी, विष्णु रजवार, शिवनाथ टुडू, कार्नेल मरांडी, राम बेसरा, सुरेंद्र बास्की, बुद्धिराम मुर्मू, संजय टुडू, सोनालाल टुडू, विनोद मरांडी, निताई बास्की, साइमन टुडू, नयेल टुडू, बुधन सिंह आदि मुख्य हैं.