कृषि. दुमका की स्थिति सबसे खराब, महज 27 प्रतिशत ही हो पायी रोपनी
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संताल में 41 प्रतिशत हुई धानरोपनी
कृषि. दुमका की स्थिति सबसे खराब, महज 27 प्रतिशत ही हो पायी रोपनी पिछले वर्ष की तुलना में कम बारिश होने के कारण धान रोपनी के लक्ष्य पूरा करने में संप के किसान पिछड़ गये हैं. हालांकि दो दिन पूर्व हुई बािरश से राहत जरूर मिली है. दुमका : संतालपरगना में पिछले पांच दिनों में […]
पिछले वर्ष की तुलना में कम बारिश होने के कारण धान रोपनी के लक्ष्य पूरा करने में संप के किसान पिछड़ गये हैं. हालांकि दो दिन पूर्व हुई बािरश से राहत जरूर मिली है.
दुमका : संतालपरगना में पिछले पांच दिनों में हुई अचछी बारिश से धानरोपनी के काम में बेहद तेजी आयी है, हालांकि दुमका और गोड्डा जिले में धानरोपनी का कार्य अन्य चार जिलों की अपेक्षा में निराशाजनक है. इसकी वजह अच्छी बारिश के बावजूद खेतों में जल जमाव का न हो पाना भी है. इन दोनों जिले में बारिश शहरी क्षेत्र में ही अच्छी हुई है. खेतों में पानी न हो पाने की वजह से यहां धानरोपनी के लिए एक और अच्छी बारिश का इंतजार किसानों को है. संयुक्त कृषि निदेशक कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक संतालपरगना प्रक्षेत्र में अब तक धान की 41.16 प्रतिशत रोपनी हो चुकी है,
जबकि मक्का में 90.79 प्रतिशत, दलहन में 58.13 प्रतिशत और तलहन में 43.32 प्रतिशत आच्छादन हो पाया है. 15 अगस्त तक होती है रोपनी: जानकारी के मुताबिक संतालपरगना के कई इलाकों में धानरोपनी का काम 15 अगस्त तक होता रहता है. ऐसे में अभी अठारह-उन्नीस दिनों का वक्त मानकर भी किसान चल रहे हैं. हालांकि ज्यादातर किसान जल्द बीज डालते हैं और जल्दी बिचड़ा भी रोपते हैं, समय से पहले वे फसल उपजा सकें.
मक्के की स्थिति
जिला लक्ष्य आच्छादन प्रतिशत
दुमका 20960 18864 90.0
जामताड़ा 15700 13345 85.0
देवघर 17000 13520 79.5
साहिबगंज 15000 14700 98.0
गोड्डा 13700 13563 99.0
पाकुड़ 10860 10643 98.0
पूरे प्रक्षेत्र में 93220 84635 90.79
धानरोपनी की स्थिति
जिला लक्ष्य आच्छादन प्रतिशत
दुमका 109000 29430 27.0
जामताड़ा 50000 23100 46.2
देवघर 52000 23920 46.0
साहिबगंज 45000 26550 59.0
गोड्डा 48000 16800 35.0
पाकुड़ 49000 25480 52.0
पूरे प्रक्षेत्र में 353000 145280 41.16
संप में 353000 हेक्टेयर में होनी है धान की रोपनी
संतालपरगना में कुल 353000 हेक्टेयर खेत में धान की रोपनी का कार्य होता है. इसमें से तीस प्रतिशत लक्ष्य की जमीन केवल दुमका जिले में हैं. दुमका में 109000 हेक्टेयर में धानरोपनी होनी है. यहां अब तक 29430 हेक्टेयर में ही धानरोपनी हो पाया है. जामताड़ा में 50000, देवघर में 52000, साहिबगंज में 45000, गोड्डा में 48000 व पाकुड़ में 49000 हेक्टेयर लक्ष्य निर्धारित है.
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