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भुगतान के लिए एरिल कंपनी के निवेशकों ने किया हंगामा

धनबाद: नन बैंकिंग कंपनी एरिल के सरायढेला स्टील गेट स्थित कार्यालय पर बुधवार को एजेंटों और निवेशकों ने जम कर हंगामा किया. उनका आरोप था कि कंपनी ने उनके लाखों रुपये लेकर दफ्तर बंद कर दिये हैं. जबकि उनकी मेच्योरिटी पूरी हो चुकी है. उनको भुगतान किया जाना चाहिए. वे लोग दफ्तर का शटर तोड़ना […]

धनबाद: नन बैंकिंग कंपनी एरिल के सरायढेला स्टील गेट स्थित कार्यालय पर बुधवार को एजेंटों और निवेशकों ने जम कर हंगामा किया. उनका आरोप था कि कंपनी ने उनके लाखों रुपये लेकर दफ्तर बंद कर दिये हैं.

जबकि उनकी मेच्योरिटी पूरी हो चुकी है. उनको भुगतान किया जाना चाहिए. वे लोग दफ्तर का शटर तोड़ना चाहते थे. खबर मिलते ही सरायढेला थाना की पुलिस पहुंची और लोगों को शांत कराया. एजेंटों-निवेशकों का कहना था कि मेच्योरिटी होने पर उन लोगों ने भुगतान के लिए दबाव डालना शुरू किया. कंपनी की तरफ से लगातार आश्वासन मिलता रहा. इस बीच होली के पहले से दफ्तर बंद कर दिया गया. फोन से रकम मांगने पर टालमटोल की जाने लगी. अब उनके सब्र का बांध टूट गया है.

लाखों रुपये बकाया हैं कंपनी पर : इस दौरान दावा किया गया कि चासनाला निवासी एजेंट अजय कुमार बाउरी का 50 हजार, सिमराटांड़ निवासी गोपीनाथ मंडल का 12 लाख, सिंदरी रांगामाटी निवासी मोती लाल मरांडी का 3.8 लाख, निरसा निवासी तरुण कुमार गोप का 50 हजार, निरसा कांसीटांड़ निवासी सुशांतो गोप का 65 हजार, सुगियाडीह कोलाकुसमा निवासी विश्वनाथ कुमार का 26 हजार, बंगाल 24 परगना निवासी अरविंद कुमार प्रसाद का 40 लाख रुपया व अन्य कई लोगों का रुपया यहां पर जमा किया गया है. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने कंपनी में निवेश किये हैं.

सीएमडी समेत अन्य पर प्राथमिकी दर्ज
चौबीस परगना (पश्चिम बंगाल) निवासी अरविंद कुमार प्रसाद के लिखित आवेदन पर एरिल के सीएमडी सहित अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ सरायढेला थाना में मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि कंपनी के सीएमडी विपलव कुमार डे, फाउंडर डायरेक्टर चंदन सिन्हा, डायरेक्टर कृष्णोंदु घोष, चीफ एकाउंटेंट विधान, सुब्रतो व अन्य स्टाफ ने प्रलोभन देकर रुपया जमा किया और अब लौटा नहीं रहे हैं. अरविंद ने पुलिस को बताया कि हजारों लोगों ने एरिल कंपनी में रुपया जमा किया है. कुछ लोगों की मेच्योरिटी पूरी हो चुकी है और लगातार रुपया लेने के लिए ऑफिस का चक्कर काट रहे थे. फोन करने पर ऑफिस में बुलाया जाता था लेकिन रुपया नहीं दिया जाता था. सर्टिफिकेट भी रख लिया गया है.

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