धनबाद: विधायक कुंती सिंह के बड़े पुत्र राजीव रंजन सिंह अपहरण कांड में धनबाद पुलिस ने डॉन बृजेश सिंह को क्लीन चिट नहीं दी है. अभी तक राजीव रंजन अपहरण मामले में अनुसंधान जारी है. पुलिस रिकॉर्ड में राजीव रंजन सिंह अभी जिंदा है. अनुसंधान में माफिया डॉन बृजेश के खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं मिलने के कारण चार्टशीट दाखिल नहीं किया गया है.
11 साल से चल रहा अनुसंधान
राजीव रंजन का अपहरण 11 साल पहले हुआ था. इस दौरान कई अनुसंधानकर्ता बदले गये. कई लोगों से पुलिस ने पूछताछ की. अलबत्ता घर वालों ने राजीव की मृत्यु की बात तक मान ली है. यहां तक कि बृजेश ने भी राजीव रंजन की हत्या करने की बात पुलिस के सामने कबूल की थी, लेकिन सभी कुछ हो जाने के बाद भी धनबाद पुलिस ने न तो अभी तक बृजेश को रिमांड पर लिया और न ही किसी तरह की कार्रवाई को आगे बढ़ाया.
स्वीकृति बयान में ब्रजेश का हस्ताक्षर नहीं
दिल्ली पुलिस द्वारा डॉन बृजेश के स्वीकृति बयान पर हस्ताक्षर नहीं किया गया था. दिल्ली पुलिस ने स्वीकृति बयान की एक कॉपी धनबाद पुलिस को भेजी थी. बयान के आधार पर धनबाद पुलिस ने कोर्ट में रिमांड के लिए आवेदन दिया था, लेकिन हस्ताक्षर नहीं होने के कारण कोर्ट ने रिमांड नहीं दिया.
अन्य तीन पर हुई कार्रवाई
एसपी हेमंत टोप्पो ने गुरुवार को बताया कि राजीव मामले में बृजेश के खिलाफ ठोस साक्ष्य नहीं मिला है, लेकिन उसे क्लीन चिट नहीं दी गयी है. इस मामले में तीन और अभियुक्त कृष्णा सिंह, लाल बाबू सिंह (दोनों भाई) व सुनील सिंह ( कृष्णा सिंह का बेटा) हैं. सुनील सिंह फिलहाल जमानत पर है. कृष्णा सिंह व लाल बाबू सिंह के खिलाफ चार्टशीट दाखिल करने का आदेश भी दे दिया गया है. बहुत जल्द दोनों के खिलाफ कोर्ट में चार्टशीट दाखिल किया जायेगा. पहले ही दोनों फरार आरोपी के यहां कुर्की जब्ती की गयी है.