रसिक मुमरू के खाता में 27 लाख रुपये जमा हुए, लेकिन उसे सिर्फ तीन लाख रुपये मिले, बाकी के पैसे आलोक बलिहार ने सादे कागज एवं चेक पर दस्तखत कराके निकाल लिये. सीता राम मरांडी के खाता में 83,17000 रुपये चेक से जमा हुए और आलोक बलिहार ने सादा कागज और चेक पर हस्ताक्षर कराके राशि निकाल ली. श्याम लाल हांसदा के खाता में तीन करोड़, 32 हजार रुपये जमा हुए . उक्त राशि आलोक बलिहार ने साद कागज और चेक पर हस्ताक्षर कराके रुपये निकाल लिए. जय देव मांझी के खाता में 74 लाख , 30 हजार, चार सौ रुपये जमा हुए .
इसके बाद फिर 12 लाख, 9 हजार, छह सौ रुपये कुल 86 लाख, 4 हजार रुपये चेक के माध्यम से जमा हुए. रश्मि अग्रवाल दिलीप साव की संयुक्त पहचान पर खाता खोला गया, इसमें विपिन कुमार, अनिल कुमार, मानव चटर्जी, रश्मि देवी ने रुपये निकाल लिये. गणोश टुडू के खाते में 3 करोड़, 32 लाख, 34 हजार रुपये जमा हुए. उक्त खाता संजय कुमार महतो की पहचान पर खोला गया है. इसी तरह सुखलाल मांझी के खाता में 12 लाख, 96 हजार रुपये तथा 23 लाख, 76 हजार रुपये जमा हुए.चेक के मुख्य व पिछले पृष्ठ पर रवींद्र सिंह,आलोक बलिहार एवं राजी सिंह के हस्ताक्षर हैं. सभी चेक धनसार स्थित जोड़पोखर पैक्स में जमा हुए हैं. इसमें पैक्स के शाखा प्रबंधक एवं पहचान कर्ता की भूमिका भी संदेह के घेरे में है.