वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार इस अध्यादेश के जरिये देश को 22 पूंजीपतियों के समूह को गिरवी रखना चाहती है. यहां के लोग अपने ही देश में भूमिहीन और बेघर हो जायेंगे. हमारी अपनी पहचान को बताये बिना ही राज्य सरकार सरकारी नौकरी बाहर के लोगों को देने का निर्णय ले चुकी है.
इससे यहां के गरीब-बेरोजगार समाज विरोधी रास्ता अपनाने को विवश होंगे. धरना को पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो, देबु महतो, कल्याण भट्टाचार्य, कंसारी मंडल, पवन महतो, विनोद सिंह, लखन प्रमाणिक, अरविंद मुमरू, चंडी चरण देव, राम चंद्र मुमरू, अनिल महतो, तसलीम अंसारी, ईश्वर, रतिलाल टुडू, विजय कर्मकार,शिव प्रसाद यादव, गणोश, भोला मंडल, गिरिलाल किस्कू, भैरव महतो, अपूर्व सरकार, धनेश्वर मुमरू, राहुल देव श्रीवास्तव, बबलू गुप्ता, रवींद्र मुमरू, राज सिंह, फूलचंद किस्कू, गौतम बहादुर, राजेंद्र कुमार दास, रखि महतो, रमेश महतो, काली चरण महतो व अन्य ने संबोधित किया.