19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुदामडीह में वाश्ड कोल का उत्पादन ठप

धनबाद: देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि अच्छे दिन आयेंगे. लेकिन उनका यह नारा बीसीसीएल की सुदामडीह वाशरी के लिए सटीक नहीं बैठता. सुदामडीह वाशरी में वाश्ड कोल का उत्पादन पिछले सात-आठ माह से पूरी तरह ठप है. कभी पानी तो कभी मेंटेनेंस के नाम पर वाशरी को बंद कर दिया जाता है. पिछले दिनों […]

धनबाद: देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि अच्छे दिन आयेंगे. लेकिन उनका यह नारा बीसीसीएल की सुदामडीह वाशरी के लिए सटीक नहीं बैठता. सुदामडीह वाशरी में वाश्ड कोल का उत्पादन पिछले सात-आठ माह से पूरी तरह ठप है. कभी पानी तो कभी मेंटेनेंस के नाम पर वाशरी को बंद कर दिया जाता है.

पिछले दिनों तीन माह के लिए वाशरी को मेंटेनेंस के नाम पर बंद रखा गया. इस दौरान कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं में कटौती की गयी. यह अलग बात है कि अधिकारियों को सभी सुविधाएं मिलती रही. सॉफ्ट माइंस के बंद होने से वाशरी को पानी की आपूर्ति में काफी परेशानी हो रही है. वहीं लगभग 475 कर्मचारियों पर स्थानांतरण की तलवार लटक रही है.

दो वाशरी हो चुकी है बंद
बीसीसीएल की दो पाथरडीह वाशरी व बरोरा वाशरी पहले ही कंपनी ने बंद कर दी है. वहीं सुदामडीह वाशरी बंदी के कगार पर है. मुनीडीह, महुदा, दुग्दा,भोजूडीह व मधुबन वाशरी अभी चालू हैं.
वाशरी के घाटे का कारण
बीसीसीएल में कभी 250 करोड़ का मुनाफा देने वाली वाशरी आज लगभग 450 करोड़ का नुकसान ङोल रही है. बताते हैं कि वाशरी से आपूर्ति होने वाले कोयले की गुणवत्ता में कभी, समुचित मात्र में कोयले की आपूर्ति नहीं होने, मैनपावर की कमी इसकी मुख्य वजह है.
1980 में हुई थी स्थापना
स्टील प्लांटों की बढ़ती हुए कोयले की मांग को देखते हुए तत्कालीन जनता पार्टी की सरकार ने नयी वाशरी का निर्माण कराने का फैसला लिया और इसी के तहत दो मिलियन टन वार्षिक क्षमता वाली सुदामडीह वाशरी का फरवरी 1980 में स्थापित किया गया. यह बीसीसीएल की अपनी सबसे पहली वाशरी थी. सुदामडीह वाशरी से 1981 से व्यावसायिक उत्पादन पूरी तरह चालू किया गया था. वाशरी से बोकारो,राउरकेला, दुर्गापुर, व भिलाई स्टील प्लांट को जरूरत के अनुरूप कोयला भेजे जाते रहे. सुदामडीह से प्रतिदिन तीन हजार वाश्ड कोल का उत्पाद किया जाता था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें