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विनोद सिंह हत्याकांड : बचाव पक्ष जायेगा सुप्रीम कोर्ट

धनबाद : विनोद सिंह व मन्नू अंसारी दोहरे हत्याकांड की सुनवाई शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम निकेश कुमार सिन्हा की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी द्वय पूर्व मंत्री बच्च सिंह व बलिया जिप अध्यक्ष रामधीर सिंह गैरहाजिर थे. उनकी ओर से उनके अधिवक्ता दिलीप सिंह ने दंप्रसं की धारा 317 का […]

धनबाद : विनोद सिंह व मन्नू अंसारी दोहरे हत्याकांड की सुनवाई शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम निकेश कुमार सिन्हा की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी द्वय पूर्व मंत्री बच्च सिंह व बलिया जिप अध्यक्ष रामधीर सिंह गैरहाजिर थे.
उनकी ओर से उनके अधिवक्ता दिलीप सिंह ने दंप्रसं की धारा 317 का आवेदन दायर किया. बचाव पक्ष ने अदालत में एक टाइम पिटीशन देकर अदालत को बताया कि झारखंड हाइकोर्ट द्वारा खारिज रिवीजन आदेश की सर्टिफाइड कॉपी अभी नहीं प्राप्त हुई है. वह कॉपी उपलब्ध होते ही झारखंड हाइकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा. अभियोजन की ओर से एपीपी ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने अदालत को बताया कि अभियोजन की बहस पूर्व में ही हो चुकी है.
अदालत ने बचाव पक्ष के बहस के लिए अगली तिथि 23 जनवरी 15 मुकर्रर कर दी. विदित हो कि पूर्व में बचाव पक्ष ने अदालत में एक आवेदन देकर सीआइडी डीएसपी जेपी मल्लिक की गवाही को अनिवार्य बताते हुए अभियोजन को निर्देश देने का आग्रह किया था. अदालत ने उक्त आवेदन को खारिज कर दिया था. अपराधियों ने 15 जुलाई 98 को कतरास स्थित शहीद भगत सिंह चौक के पास विनोद सिंह की गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. उसमें विनोद सिंह व उनका चालक मन्नू अंसारी की मौत हो गयी थी.
सर्वे ऑफिसर गया जेल
केओसीपी बस्ताकोला में कोयले की ओवररिपोर्टिग मामले में आरोपी बस्ताकोला के पूर्व सर्वे अफसर सरीत सुधा सरकार शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रथम विजय कुमार शर्मा की अदालत में आत्मसमर्पण किया. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. आरोपी की ओर से दायर झारखंड हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका 15 दिसंबर 14 को खारिज हो चुकी है. सीबीआइ ने 22 अगस्त से 24 अगस्त 11 की अवधि में औचक निरीक्षण किया था.
उसमें कोयले की ओवररिपोर्टिग करने का परदाफाश हुआ था. सीबीआइ ने 28 मई 12 को एसडी धुर्वा,सरीत सुधा सरकार , पीओ किशोर यादव, पूर्व महाप्रबंधक रामउजागर पांडेय व सर्वेयर अरविंद घोष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. एसडी धुर्वा व सरीत सुधा सरकार जेल में है. वहीं शेष आरोपियों के खिलाफ अदालत ने गैर जमानतीय वारंट जारी किया है.
एलबी सिंह की जमानत पर सुनवाई 23 को
कुस्तौर ठेका घोटाला के आरोपी एलबी सिंह की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई 23 जनवरी 15 को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में होगी. सीबीआइ ने 2013 में इस मामले का खुलासा कर आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. यह मामला आरसी केस नंबर 1/13 डी से संबंधित है.
पति, सास व ननद को दो वर्ष की सजा
अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी डीके मिश्र की अदालत में शुक्रवार को दहेज प्रताड़ना के एक मामले में अपना फैसला सुनाते हुए जोड़ापोखर निवासी पति दीपेन सेनगुप्ता, सास उर्मिला सेनगुप्ता व ननद सुजाता राय को भादवि की धारा 498 ए में दोषी करार देते हुए दो वर्ष की कैद की सजा सुनायी. कतरास निवासी संपा देवी ने अदालत में अपने ससुराल वालों के खिलाफ शिकायतवाद संख्या 1086/09 दर्ज कराया था.
अंकित हत्याकांड में नहीं हुई बहस
अंकित सिंह हत्याकांड की सुनवाई शुक्रवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुज नाथ की अदालत में हुई. केस अभिलेख पूर्व से ही बहस के लिए रखा गया था. लेकिन बचाव पक्ष की ओर से बहस नहीं की गयी. अदालत ने बहस के लिए अगली तिथि 19 जनवरी 15 मुकर्रर कर दी.
पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच जेल में बंद आरोपी पार्षद मनोरंजन सिंह को अदालत में उपस्थापन कराया. अंकित सिंह की हत्या 18 नवंबर 13 की रात गोली मार कर कर दी गयी थी. पुलिस ने उसका शव हाउसिंग कॉलोनी पंप हाउस के समीप पड़ा हुआ पाया. घटना के बाद मृतक की बहन रुचि सिंह ने 19 नवंबर 13 को धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. यह मामला एसटी केस नंबर 195/14 से संबंधित है.
आइओ को शोकॉज
प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुजनाथ की अदालत में केस के अनुसंधानकर्ता को कोर्ट के आदेश की अवहेलना किये जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए शो कॉज किया है. तोपचांची थाना क्षेत्र निवासी मो अजीम अंसारी ने अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी. सुनवाई के दौरान अदालत ने केस के अनुसंधानकर्ता को 24 नवंबर 14 को केस डायरी अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. लेकिन, आज तक आइओ ने केस डायरी अदालत को सुपुर्द नहीं किया.
5 अप्रैल 14 को तोपचांची पुलिस ने छापामारी कर 25 टन हार्डकोक बरामद किया था. तोपचांची थानेदार धर्मदेव राम ने मो अजीम अंसारी व शंकर भगत के खिलाफ कांड संख्या 30/14 दर्ज कराया.
सुरेश सिंह हत्याकांड में नहीं हुई गवाही
कोयला व्यवसायी व कांग्रेस नेता सुरेश सिंह हत्या मामले की सुनवाई शुक्रवार को एडीजे सप्तम निकेश कुमार सिन्हा की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी प्रमोद लाला, मोनू सिंह व आलोक वर्मा हाजिर थे.
यह केस अभिलेख पूर्व से ही साक्ष्य के लिए निर्धारित था. लेकिन अभियोजन की ओर से कोई गवाह प्रस्तुत नहीं किये जाने की वजह से गवाही नहीं हो सकी. अब इस मामले की सुनवाई 7 फरवरी 15 को होगी. सुरेश सिंह की हत्या 7 दिसंबर 11 को धनबाद क्लब में गोली मारकर कर दी गयी थी.

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